Faridabad NCR
”मीडिया परिस्थितिकी तंत्र के माध्यम के रूप में नैरेटिव को नेविगेट करना” विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान
उन्होंने अपनी पुस्तक ‘वेस्टर्न मीडिया नैरेटिव ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने आपदा के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को अराजक बताते हुए एक कथा तैयार की। जिसमें 1918 के स्पेनिश फ्लू की याद दिलाते हुए एक चौंका देने वाली मौत की भविष्यवाणी की गई। उन्होंने आगे बताया कि भारत के प्रति पश्चिमी मीडिया का दृष्टिकोण दिखाता है कि कैसे अंग्रेजी प्रेस भारत के खिलाफ पश्चिम के लंबे समय से चले आ रहे पूर्वाग्रहों को कायम रखे हुए है। उन्होंने बताया यह पुस्तक इस पूर्वाग्रह की उत्पत्ति और कारणों का आलोचनात्मक विश्लेषण और खुलासा करती है। भारतीय अनुभव में निहित होने के बावजूद उपनिवेशवाद की छाया से जूझ रहे किसी भी राष्ट्र के लिए इससे प्राप्त सबक सार्वभौमिक प्रासंगिकता रखते हैं। सत्र के बाद हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया।
विद्यार्थियों ने भारत पर पश्चिमी मीडिया की कहानियों और आज के समय में इसके महत्व का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि, शिक्षकों एवं सभी विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। विभागाध्यक्ष डॉ पवन सिंह ने संकाय सदस्य द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की और भविष्य में विद्यार्थियों के लिए अधिक व्यावहारिक व्याख्यान आयोजित कराने का वादा किया।