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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर “हरियाली पर्व 3.0” का शुभारंभ किया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 5 जून। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के उपलक्ष्य में “हरियाली पर्व 3.0” के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक विषय “भूमि पुनरुद्धार, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता” पर केंद्रित है।

“हरियाली पर्व” – वृक्षारोपण अभियान विश्वविद्यालय की हरित पहल को समर्पित एक वार्षिक कार्यक्रम है। इस सार्थक अभियान में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, इस अभियान का शुभारंभ मुख्य अतिथि गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. तोमर की उपस्थिति में विश्वविद्यालय परिसर में पौधे लगाकर किया गया।

कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता श्री गंगा शंकर मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स फरीदाबाद लोकल सेंटर संदीप हांडा, फरीदाबाद लोकल सेंटर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य जे.पी सिंह, अध्यक्ष डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन फरीदाबाद जे.पी. मल्होत्रा, मानद सचिव इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स फरीदाबाद लोकल सेंटर, आई.एस. ओबेरॉय, डीन फैकल्टी ऑफ साइंस प्रोफेसर नीतू गुप्ता, भौतिकी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सोनिया बंसल, पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष और नोडल अधिकारी वसुंधरा इको-क्लब डॉ. रेणुका गुप्ता, इको क्लब की सदस्य डॉ. प्रीति सेठी, डॉ. साक्षी और डॉ. रूपाली उपस्थित रहे। कार्यक्रम वसुंधरा इको क्लब और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) फरीदाबाद लोकल सेंटर के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण वनों की कटाई और प्रदूषण के भयानक परिणामों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को संस्कृति के रूप में पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली विकसित करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है, ऐसी समस्याओं से उबरने के लिए आज पेड़ लगाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि हरियाली पर्व अभियान दो साल पहले शुरू किया गया था और इस अभियान का एकमात्र मकसद पौधे लगाना  नहीं बल्कि प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना भी है। इसीलिए समय-समय पर पौधों की देखभाल के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।  उन्होंने वृक्षारोपण अभियान शुरू करने के लिए इको-क्लब और पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की। मुख्य अतिथि प्रो. दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की तात्कालिकता और स्थायी समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत के सोलर मैन डॉ. चेतन सिंह सोलंकी का उदाहरण दिया, जिन्होंने जीवनशैली में बदलाव के साथ सौर ऊर्जा का उपयोग करने और प्रत्यक्ष विद्युत ऊर्जा के उपयोग को कम करने की उल्लेखनीय पहल की। उन्होंने इस तरह के आयोजनों और छात्रों को पर्यावरण के महत्व और संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए वसुंधरा इको-क्लब की सराहना की।

इससे पहले, पर्यावरण विज्ञान विभाग और इको-क्लब की अध्यक्ष डॉ. रेणुका गुप्ता ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और विश्व पर्यावरण दिवस की थीम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि इस वर्ष का विषय स्वस्थ भूमि का पुनरूत्थान, रेगिस्तानों को विकसित होने से रोकना और पानी की कमी का प्रबंधन करना है।
अंत में आई.एस.ओबेरॉय ने कार्यक्रम को सफल बनाने पर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शोधार्थियों और छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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