Faridabad NCR
पौराणिक ग्रंथो में सभी नवग्रह में शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है : विपुल गोयल प्रदेश उपाध्यक्ष
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : आपको बतादें फ़रीदाबाद शहर में काफ़ी जगहों पर शनि भक्तो द्वारा शनि देव का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से अलग अलग अंदाज में मनाया गया। इसी कड़ी में कल एनआईटी 2-3 के चौक पर स्थित मंदिर में भी सिद्धपीठ श्री शनेश्वर धाम कमेटी द्वारा शनि जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम में शिरकत की।
इस अवसर पर पहुँचे प्रदेश उपाध्यक्ष विपुल गोयल ने कहा की पौराणिक ग्रंथो और कहानियों में सभी नवग्रह में शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है और कहते है की हम जो भी कर्म करते है शनि देव उसका फल जरूर देते है इसलिये साथियों हमेशा अच्छे कर्म करते रहे और एक दूसरे के साथ सौहार्दभाव से रहे। इस मौके पर केक काटकर मनाया गया जन्मोत्सव।
प्रदेश उपाध्यक्ष विपुल गोयल ने इस अवसर पर सभी क्षेत्र और प्रदेश के लोग तरक्की और खुशहाली की कामना भी की । इस मौके पर विपुल गोयल ने कहा की हमारी भारत देश में सबसे ज्यादा पूजा पाठ करने वाले लोग मिल जाएंगे और हर धर्म को मानने वाले लोग यहाँ मिलेंगे जो स्वतंत्र रूप से अपनी पूजा पाठ अपने धर्म के हिसाब से करते है क्योंकी हम सनातन धर्म के लोग है। गोयल ने कहा की हमे खुद को गौरवशाली मानना चाहिए की हम भारत भूमि पर पैदा हुए है जो ऋषियों की और तपस्वीयो के साथ साथ क्षत्रियों की भूमि रही है।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने शहर की संस्थाओ से आग्रह किया की भविष्य में भी धार्मिक आयोजन करते रहे और धर्म का प्रचार बढ़ाते रहे क्योंकि ऐसे आयोजन ना सिर्फ भाईचारा और प्रेम पैदा करते है बल्कि साथ मे हमारी आने वाली पीढ़ियों में भी संस्कृति और धार्मिक विचारधारा को पैदा करने का काम करते है। विपुल गोयल ने कहा की वह हमेशा क्षेत्र के नेक कार्यों के लिए संस्था के साथ है।
इससे पहले संस्था के पदाधिकारियों ने प्रदेश उपाध्यक्ष विपुल गोयल का बुक्के भेंट करके व पटका पहनाकर स्वागत व मान सम्मान किया। इस कार्यक्रम में 108 केक काटकर शनि जन्मोत्सव मनाया गया व इससे पहले झाँकिया व भजन गायन के साथ साथ भंडारे का आयोजन भी किया ।
इस मौके पर श्याम सुन्दर कपूर, विनोद अग्रवाल, अमित मिगलानी, प्रसिद्ध गायकार, शनिदेव मंदिर कमेटी के सदस्य व हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।