Faridabad NCR
बल्लभगढ़ स्थित रानी की छतरी तथा तालाब खनन संक्रियाओ और सन्निर्माण के प्रयोजनों के लिए प्रतिषिद्ध और विनियमित क्षेत्र के रूप में घोषित: उपायुक्त
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 09 जुलाई। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार के विरासत तथा पर्यटन विभाग की अधिसूचना क्रम संख्या 11/52-2023-पुरा/ चूंकि के तहत संरक्षित संस्मारकों की संरक्षित सीमा से 15 मीटर तक और उससे आगे साथ लगते 30 मीटर तक के क्षेत्र को खनन संक्रियाओं और सन्निर्माण दोनों के प्रयोजनों के लिए क्रमशः प्रतिषिद्ध और विनियमित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इसी क्रम में हरियाणा प्राचीन तथा ऐतिहासिक संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष नियम, 1965 के नियम 30 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा हरियाणा सरकार के विरासत तथा पर्यटन विभाग की अधिसूचना संख्या 11/52-2000-पुरा/ वॉल्यूम-11/44-49, दिनांक 05 जनवरी 2024 के प्रतिनिर्देश से हरियाणा के महामहीम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने जिला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ उपमंडल स्थित रानी की छतरी तथा तालाब को खनन संक्रियाओ और सन्निर्माण दोनों के प्रयोजनों के लिए प्रतिषिद्ध और विनियमित क्षेत्रों के रूप में घोषित किया है।
जानकारी के अनुसार इस सूची में प्रदेश के अन्य जिलों के राज्य संरक्षित संस्मारक एवं स्थल जैसे प्राचीन स्थल कांची खेड़ा गांव गढ़ी पटटी होडल जिला पलवल, शेख मुस्सा की दरगाह तथा झूलती मीनार गांव पल्ला जिला नूंह, लाल गुम्बद सोहना जिला गुरूगाम, कुतुब खान की मस्जिद सोहना जिला गुरूग्राम, सती का तालाब तथा छतरी होडल जिला पलवल, प्राचीन स्थल धरौंद खेड़ा गांव धरौंद खेड़ा उचाना जिला जींद, किला जफरगढ़ गांव किला जफरगढ़ जुलाना जिला जीन्द, प्राचीन टीला कर्ण कोट गांव भट्टू कलां जिला फतेहाबाद, लोहारू किला लोहारू जिला भिवानी एवं प्राचीन टीला मुगलपुरा गांव मुगलपुरा उकलाना जिला हिसार भी शामिल हैं।