Connect with us

Faridabad NCR

धूम्रपान करना लंग कैंसर का मुख्य कारण है : डॉ. गुरमीत सिंह

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 अगस्त को ‘विश्व लंग कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद से पल्मोनोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. गुरमीत सिंह छाबरा ने कहा कि देखा गया है कि धूम्रपान ( सिगरेट, बीड़ी, हुक्का या सिगार पीना) लंग कैंसर का मुख्य कारण है। स्मोकिंग करने वाले लोगों में स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों के मुकाबले 10-30 गुणा ज्यादा लंग कैंसर का जोखिम होता है। स्मोकिंग के अलावा ऐस्बेस्टस के संपर्क में आने से भी लंग कैंसर की रिस्क बढ़ जाता है। यह एक प्राकृतिक फाइब्रस (रेशेदार) पदार्थ है जो बिल्डिंग सामग्री, इन्सुलेशन, ओटोमोबाइल इन्डस्ट्री, फायरप्रुफिगं में इस्तेमाल होता है। ऐसी जगह जहाँ पर रेडॉन गैस की मात्रा ज्यादा होती है वहां लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से लंग कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती हैं। एम्फिसीमा (फेफड़ों का ऐसा रोग जिसमें मरीज को साँस लेने में परेशानी होती है), क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से ग्रस्त लोगों में भी लंग कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है। सीओपीडी अपने आप में लंग कैंसर का एक रिस्क फैक्टर है। स्मोकिंग करने वाले लोगों में सीओपीडी होने की संभावना ज्यादा होती है।

घर में चूल्हे पर कोयला, लकड़ी, उपले से खाना पकाने पर घर के अंदर होने वाले प्रदूषण के कारण भी लंग कैंसर हो सकता है। वायु प्रदूषण भी लंग कैंसर का एक बड़ा कारण है। लंग कैंसर जेनेटिक रूप से भी हो सकता है। अगर किसी मरीज को किसी भी कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी दी गई है तो रेडिएशन के बाद उनमें भी लंग कैंसर होने की जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। कीमो प्रोटेक्टिव की तरह इस्तेमाल होने वाली बीटाकैरोटीन के हाई डोज एक्सपोज़र से भी लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

लंग फाइब्रोसिस (फेफड़ों की सिकुडन) के मरीजों में अन्य सामान्य लोगों की तुलना में लंग कैंसर का जोखिम 8-14 गुणा ज्यादा होता है। ओपीडी में हर महीने 2-3 केस लंग कैंसर के देखने को मिलते हैं।

बचाव:

· धूम्रपान करना छोड़ दें क्योंकि देखा गया है कि लंग कैंसर के होने में स्मोकिंग का 90 फीसदी योगदान है

· घर के अंदर और बाहर के प्रदूषण से बचें, घर में चूल्हे का इस्तेमाल न करें जिसमें खाना पकाने के लिए लकड़ी, कोयला का इस्तेमाल होता है घर पूरी तरह हवादार होना चाहिए, बाहर अधिक प्रदूषण है तो घर से बाहर निकलने के दौरान फेस मास्क का इस्तेमाल करें

· पैसिव स्मोकिंग यानि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने से स्मोकिंग न करने वाले लोगों में लंग कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है इसलिए इससे बचें

· अधिक मात्रा में ताजे फल एवं सब्जियों के सेवन से भी लंग कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है

· जिन स्थानों पर लंग कैंसर होने का खतरा ज्यादा है, वहां पर कार्य करने वाले लोगों को अधिक सुरक्षा के साथ काम करना चाहिए

· जिन लोगों को पहले लंग कैंसर हो चुका है या उनका इलाज हो रहा है या इलाज हो चुका है, उन लोगों को भी डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानी बरतनी चाहिए ताकि दोबारा कैंसर न हो।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com