Faridabad NCR
हार्ट अटैक से पीडि़त 17 वर्षीय मरीज का एसएसबी अस्पताल ने किया सफल इलाज, एंजियोप्लास्टी स्टेंटिंग के जरिए बचाई मरीज की जान
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मेजर हार्ट अटैक एवं गंभीर पैंक्रियाटाइटिस से पीडि़त 17 वर्षीय लडक़े की एसएसबी अस्पताल में सफल एंजियोप्लास्टी स्टेंटिंग करके जान बचाई गई। 17 साल के एक लडक़े को 4 दिन से पेट में दर्द और उल्टी हो रही थी। वह गंभीर पैंक्रियाटाइटिस बीमारी से पीडि़त था जिसका इलाज वह एक स्थानीय अस्पताल से करा रहा था। इलाज के चौथे दिन उनके सीने में तेज दर्द हुआ, ईसीजी और इको से पता चला कि उन्हें बड़ा दिल का दौरा पड़ा है। दिल का दौरा पडऩे के कारण उनका बीपी और ऑक्सीजन का स्तर खतरनाक स्तर तक गिर गया। उसे एसएसबी अस्पताल, फरीदाबाद रेफर कर दिया गया। ईको के अध्ययन में हृदय बहुत कमजोर और पंपिंग शक्ति केवल 30 प्रतिशत थी। मरीज को तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया और कैथलैब में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनकी एंजियोग्राफी में बहुत सारे रक्त के थक्कों के साथ अवरुद्ध एलएडी धमनी दिखाई दी। सीनियर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. सिद्धांत बंसल ने एलएडी के थक्के को निकाला और धमनी को स्टेंटिंग से खोल दिया। एसएसबी कार्डियक टीम द्वारा एलएडी धमनी खोलने के बाद उनके बीपी में सुधार हुआ और बाद में वेंटिलेटर की आवश्यकता भी कम हो गई। दवाओं और चिकित्सकों की गहन निगरानी में धीरे-धीरे उनकी पेनक्रियाज की सूजन का इलाज किया गया। एसएसबी अस्पताल की हृदय टीम द्वारा समय पर इलाज कर इस युवा लडक़े को बचा लिया गया। बता दे कि तीव्र हृदयाघात और गंभीर पैंक्रियाटाइटिस के रोगियों को बचाना मुश्किल होता है और मृत्यु की संभावना बहुत अधिक होती है। एसएसबी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और आपातकालीन टीम के संयुक्त प्रयासों से मरीज कम उम्र में इतनी घातक बीमारी से बच गया। मरीज के परिवार ने समय पर एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग करके उसकी जान बचाने के लिए डॉ. सिद्धांत बंसल को धन्यवाद दिया। इस मरीज़ के सामने कई चुनौतियां थीं। 17 साल का जवान लडक़ा होने के कारण किसी को दिल का दौरा पडऩे की आशंका नहीं थी, इसलिए वह अस्पताल देर से आया। इसके अलावा दिल का दौरा गंभीर पैंक्रियाटाइटिस की एक और जानलेवा स्थिति से जटिल था। दूसरी समस्या थी बहुत कम बीपी और बहुत कम ऑक्सीजन लेवल। डॉ. सिद्धांत बंसल ने इस युवक की जान बचाने के विशाल कार्य के बाद अपनी संतुष्टि व्यक्त की। डॉ. एस.एस. बंसल, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी, हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद ने कहा कि आजकल कम उम्र में ही दिल के दौरे पड़ रहे हैं, इसलिए यदि किसी को किसी भी उम्र में सीने में तकलीफ/सांस लेने में समस्या हो रही है, तो उन्हें इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।