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मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने जिम सप्लीमेंट्स के छिपे जोखिम के बारे में जागरूक एवं सावधान किया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 13 सितंबर। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद समाज में युवा आबादी द्वारा सप्लीमेंट्स के अनियमित सेवन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करता है। फिटनेस चलन के बढ़ने और आकर्षक बॉडी बनाने की इच्छा के चलते, जिम सप्लीमेंट्स फिटनेस प्रेमियों के बीच एक पॉपुलर पसंद बन गए हैं। हालाँकि, हाल के अध्ययनों और विशेषज्ञों की राय ने इन प्रोडक्ट्स से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में गंभीर चिंताएं जताई हैं।

डॉ. राजीव सूद, चेयरमैन–यूरोलॉजी, रोबोटिक एवं किडनी ट्रांसप्लांट, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद कहते हैं, “उन अनियमित सप्लीमेंट्स के सेवन से होने वाले जोखिमों को समझना महत्वपूर्ण है, जिन्हें जल्द से जल्द रिजल्ट पाने के लिए उपयोग की सलाह दी जाती है। प्रोटीन पाउडर, प्री-वर्कआउट, फैट बर्नर और मसल एन्हांसर (मांसपेशी बढ़ाने वाले) सहित जिम सप्लीमेंट्स अक्सर जल्द मसल मास बढ़ाने, परफॉरमेंस (शीघ्रता के साथ ठीक-ठाक काम करने की क्षमता) बेहतर बनाने और तेजी से फैट कम करने जैसे परिणाम देने के वायदे करते हैं। हालांकि ये वादे कई लोगों को आकर्षित करते हैं, लेकिन सच्चाई उससे कहीं अधिक चिंताजनक हो सकती है। आमतौर पर ओवर द काउंटर उपलब्ध होने वाली इन सप्लीमेंट्स पर डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं की तरह कड़ी नजर नहीं रखी जाती है, जिसके कारण संभावित दुरुपयोग और हानिकारक परिणामों की संभावना बढ़ जाती है।”

चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा उजागर की गई मुख्य चिंता अनियंत्रित सामग्री है जो कि चिकित्सकीय दवाओं के विपरीत, आहार सप्लीमेंट्स के लिए फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) जैसी रेगुलेटरी संस्थाओं द्वारा कठोर परीक्षण के अधीन नहीं हैं। निगरानी की इस कमी का अर्थ यह है कि कुछ प्रोडक्ट्स में हानिकारक पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जिनमें उत्तेजक पदार्थ, स्टेरॉयड और अन्य प्रतिबंधित तत्व शामिल हैं। सप्लीमेंट्स से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े हुए हैं, जिनमें लिवर डैमेज, किडनी फेलियर, हृदय संबंधी समस्याएं और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया शामिल हैं। कैफीन और अन्य उत्तेजक पदार्थों जैसे कुछ अवयवों की ज्यादा खुराक लेने से हार्ट रेट बढ़ सकती है, उच्च रक्तचाप हो सकता है और यहां तक कि हार्ट अटैक भी आ सकता है। बाजार में कई सप्लीमेंट्स का झूठा विज्ञापन किया जाता है, जिसमें बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, तथा ऐसे परिणाम देने का वादा किया जाता है जो अनुचित होते हैं तथा वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा समर्थित नहीं होते हैं। उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाकर गुमराह किया जा सकता है कि ये प्रोडक्ट्स उनके फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। खासकर उत्तेजक पदार्थों से युक्त कुछ सप्लीमेंट्स के उपयोग से निर्भरता और लत लग सकती है। इससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां सप्लीमेंट्स भारी धातुओं, विषाक्त पदार्थों और फार्मास्युटिकल दवाओं सहित हानिकारक पदार्थों से दूषित हो गए हैं। इस प्रकार के कंटैमिनेशन (दूषण) से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा होता है।

जैसे-जैसे जिम सप्लीमेंट्स की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे बेहतर निगरानी और उपभोक्ता को शिक्षित करने की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। आम लोगों को संभावित खतरों के बारे में जागरूक होना चाहिए तथा अपने स्वास्थ्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। उपभोक्ताओं की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए निगरानी एजेंसियों, स्वास्थ्य पेशेवरों और फिटनेस इंडस्ट्री के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण हो गया है।

डॉ. राजीव सूद कहते हैं, “जो लोग अपने स्वास्थ्य और शारीरिक स्वभाव पर काम करना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे किसी भी सप्लीमेंट आहार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें, ताकि उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं का आकलन किया जा सके और जिन प्रोडक्ट्स का वे उपयोग करना चाहते हैं उनकी सुरक्षा का पता लगाया जा सके। उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट्स के बारे में अच्छे से जाने, तीसरे पक्ष द्वारा परीक्षण की जांच करने तथा लेबल पर सूचीबद्ध सामग्री की पुष्टि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से फिटनेस लक्ष्य को हासिल करना सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। सप्लीमेंट्स को होल फूड्स (सम्पूर्ण आहार) और प्राकृतिक पोषक तत्वों का स्थान नहीं लेने देना चाहिए। ऐसे प्रोडक्ट्स से सावधान रहें जो तुरंत समाधान या अत्यधिक परिणाम का वादा करते हैं।

सत्यम धीरज, फैसिलिटी डायरेक्टर, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद कहते हैं, “हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के रूप में हम जागरूकता बढ़ाने में अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी समझते हैं, तथा हम जिन समुदायों की सेवा करते हैं, उन्हें उनके दैनिक जीवन में शामिल विभिन्न कंपोनेंट्स (घटकों) के अनेक प्रभावों के बारे में शिक्षित करते हैं। हमने ऐसे व्यक्तियों के स्वास्थ्य में गिरावट देखी है जिन्होंने ऐसे पदार्थों का सेवन किया है जिनके लिए पेशेवरों द्वारा परामर्श नहीं दिया गया था। यह समझने के लिए कि क्या अच्छा हो सकता है और क्या फलदायी नहीं हो सकता है, इसलिए लिए जागरूक होना बहुत जरूरी है।”

व्यक्तियों को अपने शरीर में होने वाले किसी भी परिवर्तन, जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएं या ऊर्जा के स्तर में उतार-चढ़ाव, के प्रति सचेत रहना चाहिए तथा अपने सप्लीमेंट्स के उपयोग को उसी के अनुसार एडजस्ट (घटाना-बढ़ाना) करना चाहिए। यदि किसी सप्लीमेंट के कारण ध्यान देने योग्य बदलाव होता है, तो उसका उपयोग बंद कर देना तथा डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों ने कुछ ऐसे मामलों की रिपोर्ट दी है जिनमें कुछ विशेष सप्लीमेंट्स के सेवन के बाद लोगों में डायबिटीज हो गया, क्योंकि उनमें से कुछ में स्टेरॉयड हो सकते हैं। जिम शुरू करने से पहले अपने स्वास्थ्य की अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने के लिए बेसिक ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। सप्लीमेंट्स तभी प्रभावी होते हैं जब इन्हें लेने के दौरान आप सक्रिय जीवनशैली (नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त आराम) अपनाते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सप्लीमेंट्स कोई तुरंत समाधान नहीं है और यह किसी व्यक्ति में रातों रात कोई बड़ा परिवर्तन नहीं ला सकता; यह समग्र फिटनेस जर्नी में केवल 5 प्रतिशत का योगदान देता है।

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