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अहंकार हमेशा पतन की ओर ले जाता है : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में आज विजयदशमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम के अधिपति जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों के बीच कहा कि अहंकार का पतन निश्चित होता है। रावण ने अपनी विद्वता के बावजूद अहंकार किया और पतन का भागीदार बना। यही नहीं वह अपने परिवार के सदस्यों की असमय मौत का भी कारण बना।
उन्होंने भक्तों से कहा कि अपनी योग्यता, क्षमता, संपन्नता का अहंकार ना करें और विनम्रता के साथ प्रभु की शरण में रहें। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि मंत्र गुरु देता है उसी मंत्र में भगवान वास करते हैं। उसे मंत्र का निरंतर जाप करें। उन्होंने कहा कि कभी किसी भगवान ने स्वयं मंत्र नहीं दिया, मंत्र गुरु के द्वारा दिया जाता है तभी वह फलदायक होता है। गुरु के दिखाए मार्ग पर आप चलें। आपका इहलोक और परलोक दोनों सुधर जाएगा। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने अनेक प्रसंगों के माध्यम से भक्तों को अपने जीवन में सादगी अपनाने, मानवता धारण करने और समाज की सेवा करने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि सिद्धदाता आश्रम से जुड़े भक्तगण समाज में अपनी क्षमता अनुसार सेवा प्रकल्पों में भागीदारी करें, जिससे कल्याण का रास्ता प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि हम जब भी मनमाना आचरण करेंगे तो उसके नकारात्मक प्रभाव ही देखने को मिलेंगे वहीं जब हम नीति संगत कर्म करेंगे तो हमें उसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे और समाज में हमारी वाहवाही होगी।
उन्होंने कहा कि गुरु महाराज ने भगवान श्रीमन नारायण की भक्ति से यह दिव्य स्थान बनाया है। जहां पर आने वालों की मनोकामनाएं अनंत काल तक पूर्ण होंगी। यह श्री गुरु महाराज का वचन है। इस अवसर पर भक्तगण अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन सरिता के साक्षी बने और श्री गुरु महाराज से आशीर्वाद, प्रसाद प्राप्त किया। इस अवसर पर देश-विदेश से आए हजारों भक्तों ने आश्रम में आयोजित विशाल नौ हवन कुंडों में आहुतियां दीं और भगवान से मनोकामनाएं मांगीं। वहीं नौ दिन से अनुष्ठान में भागीदारी कर रहे भक्तों ने भी पूर्णाहुति देकर अनुष्ठान संपन्न किया।

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