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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में ‘सिस्टम बायोलॉजी से सिंथेटिक बायोलॉजी’ अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 8 नवंबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा ‘सिस्टम बायोलॉजी से सिंथेटिक बायोलॉजी’ अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिष्ठित कोशिका जीवविज्ञानी और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के पूर्व कुलपति प्रो. रणबीर चंद्र सोबती ने मुख्य वक्ता रहे।
यह कार्यक्रम कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर के मार्गदर्शन में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा शुरू की गई अकादमिक संगोष्ठी श्रृंखला का हिस्सा रहा, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की उन्नति में नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन जैसे प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रो. सोबती ने ‘सिस्टम से सिंथेटिक बायोलॉजी की ओर’ विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, जिसमें पारंपरिक जैविक अनुसंधान से सिंथेटिक बायोलॉजी के अभिनव क्षेत्र पर चर्चा की गई। उन्होंने नए जैविक घटकों, प्रणालियों और उपकरणों के डिजाइन और निर्माण में इंजीनियरिंग सिद्धांतों के साथ सिंथेटिक बायोलॉजी के अनुप्रयोग पर चर्चा की। प्रो. सोबती ने अभूतपूर्व खोजों और आविष्कारों के माध्यम से जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और गणित के एकीकरण पर भी बल दिया और बताया कि किस तरह से बायोइंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटल और एनालिटिकल टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उभरते क्षेत्रों द्वारा इन विषयों को फिर से परिभाषित किया जा रहा है।
संगोष्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. परमजीत खुराना विशिष्ट अतिथि रहीं। प्रो. खुराना ने जैविक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पहलों पर चर्चा की। कार्यक्रम का समापन प्रो. मनीषा गर्ग, निदेशक (आरएंडडी) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
संगोष्ठी में विभिन्न विभागों के डीन, अध्यक्ष, संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस सत्र का समन्वयन प्रोफेसर सोनिया, डॉ. राजीव साहा, डॉ. रेवा शर्मा और डॉ. अर्पिता ने किया। इस अवसर अतिथि वक्ताओं द्वारा पौधारोपण गतिविधि में भी हिस्सा लिया गया।

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