Faridabad NCR
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन का छाया मुद्दा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक वेबीनार पर आयोजित की गई। जिसमें मुख्य रुप से राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बलदेव भाई प्रजापति ने गुजरात से, श्री गोविंद लेले महामंत्री ने मुंबई से मीटिंग में भाग लिया। इसके अलावा आंध्रप्रदेश कर्नाटक तमिलनाडु केरल महाराष्ट्र मध्यप्रदेश ओडिसा पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ दिल्ली हरियाणा पंजाब राजस्थान असम सहित आल इंडिया वर्किंग कमिटी के सदस्यों ने भाग लिया। मीटिंग का मुख्य एजेंडा एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन करना रहा। जिस पर अध्यक्ष श्री बलदेव भाई प्रजापति ने कहा कि हम इस बात की सरहाना करते है कि बहुत लंबे समय से विचाराधीन विषयों को लागू किया गया है। लघु उद्योग भारती के लिए यह संतोष की बात है कि केंद्र सरकार ने हमारी मांग पर निवेश को पूर्ववत रखते हुए वार्षिक बिक्री को जोड़ा है। उन्होंनें सरकार से इसके अतिरिक्त विभिन्न बिंदुओं को इस अधिसूचना में जोड़ा जाए। जैसे एमएसएमई कहलाने के लिए भारतीय स्वामित्व की शर्त होना आवश्यक हो। वहीं बैठक में अध्यक्ष श्री बलदेव भाई प्रजापति ने कहा कि भारत सरकार के एमएसएमई विभाग की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के अनुसार देश में सूक्ष्म उद्योग 89 प्रतिशत लघु उद्योग 10.5 प्रतिशत और मध्यम 0.5 है। इसलिए बैंकों द्वारा कर्ज के आवंटन में एवं सरकारी एवं अर्ध सरकारी संस्थानों के द्वारा खरीद नीति में आरक्षण सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगाें की संख्या के अनुसार विभाजित होगा तो मंत्रालय द्वारा घोषित लाभ इन उद्योगों को मिल सकेगा। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बलदेव भाई प्रजापति नें विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 1 जून 2020 की बैठक में इसे पुन संशोधित किया गया। और इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद इसे जुलाई में 2020 में इसे लागू भी कर दिया जाएगा। आज कोराना संकट के बाद जिस तरह से लॉकडाउन ने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योगों की कमर तोड़कर रख दी थी। उसे सरकार ने दोबारा उठाने और जान डालने का काम किया है। बैठक में श्री गोविंद लेले महामंत्री ने मुंबई सें भाग लेते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने एमएसएमई यानी सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग के लिए कई बड़े कदम का ऐलान कर उद्योगों की हिलती नींव को मजबूती प्रदान करने का काम किया है। वेबीनार मीटिंग में हरियाणा से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री अरुण बजाज ने भाग लेते हुए कहा कि जिस तरह से एमएसएमई क्षेत्र में बिना गारंटी के लोन दिया जाने की घोषणा हुई है। उससे करीब 2 लाख से ज्यादा एमएसएमई को फायदा मिलेगा। लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों के साथ कुटीर और गृह उद्योगों को तीन लाख करोड़ का कर्ज, 4 साल में कर्ज लौटाना होगा, 45 लाख उद्योगों को फायदा होगा, कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को 20 हज़ार करोड़ का कर्ज दिया जायेगा, और सबसे बड़ी बात है कि किसी तरह के गारंटी की ज़रूरत नहीं होगी। हरियाणा से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री अरुण बजाज ने केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए जिस तरह से आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद इस पर अमल किया जा रहा है। वह भविष्य में काफी कारगर साबित होगा ऐसा हम सब कामना करते है।