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Faridabad NCR

अनोखे हुनरबाज़ों के हुनर को सलाम

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : कहते हैं कि हुनर किसी का मोहताज नहीं होता! अगर आपके अंदर है ऐसी अलग हटकर कोई कला; तो, आप हजारों-लाखों की भीड़ में भी अपनी एक अलग पहचान बनाने के काबिल होते हैं! और, कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया है कोलकाता के एक छोटे-से एरिया से आने वाले श्री संजय मन्डल और उनकी इस टीम ने!

यूं तो, संगीत हम सभी को पसंद आता है। फिर चाहे, वो एक छोटा-सा बच्चा हो या चाहे, जवान या चाहे, फिर एक बुजुर्ग ही क्यों ना हो! संगीत में वो जादू है, जो हर किसी को अपनी सारी परेशानियां और तकलीफें भुलाकर बस! अपनी एक अलग ही मस्ती में दिल खोलकर झूम उठने पर मजबूर कर देता है। और, वैसे भी अब डॉक्टर्स का भी यही मानना है कि म्यूजिक में है वो जादू, जो आपको आपके बड़े-से-बड़े स्ट्रैस से आसानी से निपटने में मदद करता है।

यूं तो, म्यूजिक बजाने के लिए बड़े-बड़े तामझाम चाहिए होते हैं। लेकिन, ऐसे में अगर बात करें संजय मन्डल ग्रुप की; तो, इस म्यूजिकल ग्रुप का स्टाइल थोड़ा हटकर है।

इनके इंस्ट्रुमेंट्स को देखकर आप एक बार को तो अचंभे में ही पड़ जाएंगे; क्योंकि, इन्हें तो एक मनमोहक संगीत की धुन निकालने के लिए चाहिए बस! घर के पुराने और बेकार पड़े हुए प्लास्टिक की पानी की बॉटल्स, पुराने मैटल के पाइप्स, थर्माकॉल और टीन के डिब्बे, इत्यादि, जैसे सामान! देखने में सिर्फ़ बेकार पड़े इन सामान से निकलने वाले मनमोहक संगीत की आवाज को सुन सभी का मन मस्ती से झूम उठने पर मजबूर हो जाता है।

साल – 2006 में संजय मन्डल के द्वारा शुरू किए गए कोलकाता क्रिएटिव आर्ट सेंटर नामक इस ग्रुप ने अपनी संगीत के इस अनूठे स्टाइल से संजय मन्डल और ग्रुप ने इंडियाज़ गॉट टैलेंट, सारेगमप, इत्यादि, जैसे देश के कई जाने-माने रियलिटी शोज में अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना रखी है।

कोलकाता के टाँगड़ा स्लम एरिया में पले-बढ़े इस अनोखे म्यूजिकल ग्रुप के निर्माता, श्री संजय मन्डल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा साल – 2006 में फ़ोक म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट – खोल के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) भी प्राप्त है।

इस म्यूजिकल ग्रुप का मुख्य उद्देश्य अभावों में जी रहे वर्ग के बच्चों के अंदर छुपे हुए अनोखे टैलेंट को दिखाने हेतु एक मंच प्रदान करके उन्हें जीवनयापन का एक साधन मुहैया करवाना है। इसके साथ ही इस ग्रुप के द्वारा तरह-तरह के पपैट शो और नुक्कड़ नाटकों के मंचन से अभावों में जी रहे वर्गों को उनकी भव्य परंपराओं के बारे में जागरूक भी किया जाता है।

सच कहें; तो, संजय मन्डल द्वारा निर्मित यह अनोखा म्यूजिकल ग्रुप भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को धरातल पर सही मायने में साकार करता नजर आ रहा है। इसके अलावा यह ग्रुप भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को भी बढ़ावा देता है, जो समाज को यह संदेश देता है कि किस प्रकार आप अपने घर के बेकार सामान को कितनी खूबसूरती से उपयोग में ला सकते हैं!

यह एक प्रतिबिंब है अँधेरे से रौशनी देने के लिए एक छोटे-से दीये का, जो अपनी एक छोटी-सी लौ से भी अपने आसपास उजाले की किरण फैलाकर जगमगा उठ चारों ओर खुशहाली के प्रकाश का विस्तार करता है।

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