Faridabad NCR
मानव रचना में संविधान दिवस मनाया गया
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 26 नवंबर। संविधान दिवस के अवसर पर मानव रचना परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री. विपुल गोयल, कैबिनेट मिनिस्टर – रेवेनुए एंड डिजास्टर मैनेजमेंट, अर्बन लोकल बॉडीज, & सिविल एविएशन उपस्थित रहे। साथ ही, विशिष्ट अतिथियों में श्री. सतीश कुमार फगना, विधायक, एनआईटी फरीदाबाद; श्री. धनेश अडलखा, विधायक, बड़खल; और फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर डॉ. विक्रम सिंह एवं फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त श्री. सौरभ सिंह शामिल रहे।
मानव रचना की ओर से मंच पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में डॉ. दीपेंद्र कुमार झा, वाईस चांसलर, मानव रचना विश्वविद्यालय; डॉ. संजय श्रीवास्तव, वाईस चांसलर, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज; एनसी वाधवा, डायरेक्टर जनरल, एमआरईआई; डॉ. संगीता बंगा, प्रो-वाइस चांसलर, मानव रचना यूनिवर्सिटी; श्री. रमेश कुमार अरोड़ा, रजिस्ट्रार; और डॉ. आशा वर्मा, डीन, स्कूल ऑफ लॉ, मानव रचना यूनिवर्सिटी, शामिल थे।
यह कार्यक्रम भारतीय संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्र को परिभाषित करने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों और विधिक ढांचे को सम्मानित किया गया। संविधान सप्ताह प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया, जो भारत की संवैधानिक भावना को एक श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत करता है। इस प्रदर्शनी को स्कूल ऑफ लॉ द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें छात्रों और शिक्षकों की रचनात्मकता और न्यायशास्त्रीय अंतर्दृष्टि प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री. विपुल गोयल ने संविधान की स्थायी प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा, “न्याय, समानता और लोकतंत्र के भविष्य के संरक्षक के रूप में, ये छात्र संविधानिक मूल्यों की मशाल को आगे ले जाएंगे। यह आवश्यक है कि हर नागरिक अपने अधिकारों को जाने और संविधान का पालन करे, जिसे महिलाओं सहित विभिन्न वर्गों के लाभ के लिए संशोधित किया गया है।”
डॉ. दीपेंद्र कुमार झा ने संविधानिक मूल्यों पर आधारित भविष्य की अपनी दृष्टि साझा करते हुए कहा, “संविधान ऐसा ढांचा प्रदान करता है जो कानून, व्यवस्था और समानता सुनिश्चित करता है। एक शिक्षाविद् के रूप में हमारा उद्देश्य अपने छात्रों में एक सुरक्षित और समान भविष्य बनाने की जिम्मेदारी का भाव विकसित करना है।”
कार्यक्रम के दौरान, संविधान सप्ताह के अंतर्गत स्कूल ऑफ लॉ और अन्य सरकारी संस्थानों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। उनके प्रोजेक्ट्स ने भारत के मूलभूत विधिक सिद्धांतों की समझ को दर्शाया।
सरकार द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में शुरू किए गए “हमारा संविधान, हमारा सम्मान” अभियान ने भी इस समारोह में प्रमुख स्थान प्राप्त किया। इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्रीय आयोजनों, डिजिटल गतिविधियों और शैक्षिक पहलों के माध्यम से संविधान की समझ को बढ़ावा देना है।