Faridabad NCR
फरीदाबाद जिले में चल रहे ‘पोषण भी पढाई भी’ पीबीपीबी कार्यक्रम के पहले राउंड का हुआ समापन: मीनाक्षी चौधरी
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 01 फरवरी। फरीदाबाद जिले में चल रहे ‘पोषण भी पढाई भी’ पीबीपीबी कार्यक्रम के तहत चौथे बैच का प्रशिक्षण गत 31 जनवरी, 2025 को पूरा होने के साथ ही राउंड 1 का समापन सफलतापूर्वक हुआ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने कहा कि ‘पोषण भी पढाई भी’ प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा आयोजित किया गया है और इसका संचालन राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (NIPCCD) तथा रॉकेट लर्निंग (NGO) द्वारा किया जा रहा है, जो ECCE के क्षेत्र में काम करने वाला एक गैर-सरकारी संगठन है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी की अध्यक्षता में 4 बैचों का यह 9 दिवसीय प्रशिक्षण एसएलएमटी (SLMTs) रेणु चौधरी, रेणु बाला, सुनीता रावत, पिंकी शर्मा, माया देवी, गीता देवी, राज रानी, सिमिता एवं डिम्पी द्वारा रॉकेट लर्निंग (एनजीओ) टीम से जिला समन्वयक भावना सिंह तथा पल्लवी (वालंटियर) की देखरेख और सहायता के साथ संचालित किया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान बल्लभगढ़ जोन और बल्लभगढ़ ग्रामीण ब्लॉक की 400 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि पीबीपीबी प्रशिक्षण 16 जनवरी, 2025 को फरीदाबाद जिले में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य 4 बैचों में 3-3 दिनों के लिए 400 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना था, जिसमें प्रत्येक बैच में 100 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल थे। प्रशिक्षण के लिए नामित एसएलएमटी वे पर्यवेक्षक हैं जिन्हें पीबीपीबी प्रशिक्षण कार्यक्रम, टियर-1 के हिस्से के रूप में क्षेत्रीय केंद्र, मोहाली में एनआईपीसीसीडी (NIPCCD) द्वारा पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।
पीबीपीबी प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों के पोषण पर ध्यान देने के साथ-साथ प्री-स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना, प्रत्येक बच्चे का समावेश सुनिश्चित करना, उन्हें उनकी जाति, पंथ, सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि या किसी भी प्रकार की विकलांगता के बावजूद बेहतर भविष्य बनाने का अवसर प्रदान करना है और इसे प्राप्त करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शिक्षण कौशल विकास के अवसर प्रदान करना और एक शिक्षक के रूप में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना इस दिशा में पहला कदम है। प्रशिक्षण के दौरान पोषण भी पढ़ाई भी के सभी पहलुओं पर चर्चा की गया। प्रशिक्षण का पहला दिन पूरी तरह से पढाई यानी प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) और इसके घटक, खेल-आधारित शिक्षा का महत्व, आधारशिला (3-6 वर्ष के बच्चों के लिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल शिक्षा पाठ्यक्रम, 2024), नवचेतना (0-3 वर्ष के बच्चों के लिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल जागरूकता रूपरेखा) के बारे में था, जबकि दूसरे दिन पोषण, व्यक्तिगत स्वच्छता और सफाई, आहार संबंधी दिशानिर्देश और बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल के विषयों को शामिल किया गया। प्रशिक्षण के तीसरे दिन पोषण के साथ-साथ पढाई पर भी चर्चा की गई, जैसे दिव्यांग बच्चों की स्क्रीनिंग, समावेशन और रेफरल, नवचेतना का उपयोग करते हुए 0-3 वर्ष के बच्चों के लिए प्रोत्साहन गतिविधियाँ और बाल मूल्यांकन, इसके उपकरण और तकनीक। पीबीपीबी प्रशिक्षण का उद्देश्य आंगनवाड़ी केंद्र की शिक्षण केंद्र के रूप में धारणा को बदलना, समुदाय आधारित कार्यक्रम/पीटीएम आदि के माध्यम से अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाना है।