Faridabad NCR
38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2025, छोटी चौपाल पर रागिनियों का बड़ा धमाल
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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 08 फरवरी। सूरजकुंड में आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के दूसरे दिन शनिवार को अलग-अलग चौपालों पर देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने राज्य की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया। साथ ही अपने राज्यों की संस्कृति व विरासत से भी बखूबी परिचय करवाया। इन्हीं चौपालों में से छोटी चौपाल पर हरियाणवी रागिनियों के साथ-साथ सामूहिक नृत्य सहित अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को शाम तक रोके रखा।
सूरजकुंड मेला में छोटी चौपाल पर कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग तथा पर्यटन विभाग हरियाणा द्वारा तैयार किए गए सांस्कृतिक मंच पर दूसरे दिन का आगाज पलवल जिला के लोक कलाकार राजकुमार तेवतिया और उनकी टीम की रागिनियों से हुआ। सौ-सौ पड़े मुसीबत बेटा उमर जवान मैं… भगत सिंह कदे जी घबरा ज्या तेरा बंद मकान में… ने पंडाल को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। उनकी हरियाणवी बोली में प्रस्तुत की गई यह रागिनी शहीद ऐ आजम भगत सिंह की वीरगाथा पर आधारित रही। इसके बाद उन्होंने जब …पहले आली बात रही न, पहला आला पाणी… रागिनी शुरू कर पंडाल में दर्शकों की तादाद को और बढ़ा दिया। इस रागिनी के हर शब्द को दर्शकों ने खूब बारीकी से सुना तथा पहले और आधुनिक समय में हो रहे बदलाव की कहानी को महसूस किया। इन रागिनियों के बाद फरीदाबाद के एनआईटी स्थित राजकीय विद्यालय की छात्राओं के सामूहिक नृत्य ने भी छोटी चौपाल में चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन छात्राओं द्वारा ‘मेरा चूंदड़ मंगवा दे हो ननंदी के बीरा’ ने हरियाणवी गीत और संस्कृति की अनूठी प्रस्तुति दी। इसी तरह अंशुल और अंकित की जोड़ी ने गिटार से प्रस्तुति देकर पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस चौपाल पर इसी तरह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों का दौर शाम तक चलता रहा। छोटी चौपाल पर मंच संचालक की जिम्मेदारी आर.जे. मानव और प्रदीप जेलपुरिया ने बेहतरीन अंदाज में निभाई।