Faridabad NCR
झूलों के एडवेंचर का मजा उठाना चाहते हैं तो चले आईए सूरजकुंड…
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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 13 फरवरी। झूला झूलने के शौकीन सभी होते हैं। दुनिया में विभिन्न प्रकार के झूले मौजूद है, जिन पर बैठकर झूलने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती। अगर आप भी झूलों के ऐसे एडवेंचर का मजा उठाना चाहते है तो आपको एक बार फरीदाबाद में चल रहे 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में लगाए गए झूलों का आनंद अवश्य लेना चाहिए।
सूरजकुंड में लगा अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला हर किसी को अपनी और आकर्षित कर रहा है। जहां प्रतिदिन बच्चों से लेकर युवक-युवतियां और बुजुर्गवार भारी तादाद में विभिन्न प्रकार के झूलों का मजा ले रहे हैं। सूरजकुंड मेले में रेंजर व रोवर झूलों को शामिल किया गया है, जो कि युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं। सूरजकुंड शिल्प मेले में झूला संचालक बताते हैं कि यहां पर विभिन्न प्रकार के झूले लगाए गए हैं जो युवाओं में खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आउटडोर खेलों में बहुत कम संख्या में बच्चे हिस्सा लेते हैं, जिससे उनका दिमागी विकास भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाता। बच्चों और युवाओं को वीडियो गेम, टीवी तथा मोबाइल की दुनिया से निकालने के लिए मेला प्राधिकरण ने सूरजकुंड में झूलों का अलग संसार बसाया है। आज के दौर में परिवार का एक स्थान पर एकत्रित होना भी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में मेले में आने वाले परिवारों के लिए झूला परिसर अच्छा स्थान है, जहां मनोरंजन के साथ एकजुटता का अहसास होता है। रोलर-कोस्टर, टोरा-टोरा सरीखे झूलों का आनंद उठाने के लिए मजबूत दिल की जरूरत पड़ती है। फरीदाबाद से सूरजकुंड मेला देखने आए सोनू, हरकेश, अनिल, दीपक आदि का कहना था कि बाहर से देखने पर झूले सहज लगते हैं, लेकिन ये झूले झूलना इतना सरल कार्य नहीं है। कई झूलों में तो डर के मारे पसीने छूट जाते हैं लेकिन डर के आगे जीत है।