Faridabad NCR
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में अवॉर्ड पाकर प्रफुल्लित हुए शिल्पकार
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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 फरवरी। 38वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में केंद्रीय मंत्री आवास एवं शहरी कार्य तथा बिजली श्री मनोहर लाल के हाथों मिले अवार्ड पाकर शिल्पकार काफी प्रफुल्लित हुए। रविवार को सूरजकुंड शिल्प मेला का भव्य रूप से समापन समारोह किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल रहे। वहीं समापन समारोह में गरिमामयी उपस्थिति हरियाणा सरकार में शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल, खाद्य एवं पूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर, विधायक धनेश अदलखा व सतीश फागना की रही जबकि हरियाणा सरकार में पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा की अध्यक्षता रही। समापन समारोह में शिल्पकार, बुनकरों को अपनी बेहतरीन कला प्रदर्शित करने के लिए सम्मानित किया गया।
यह हुए सम्मानित :
मुख्य अतिथि द्वारा आंध्र प्रदेश की डी शिवाना को लैदर पपैट के लिए परंपरागत अवॉर्ड, गुजरात की मगन बाई को तांगालिया के लिए कला रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार कला मणी अवॉर्ड से पश्चिम बंगाल की कल्पना चित्रकार को बंगाल पटचित्र, राजस्थान के के.के. सोनी को अस्थि शिल्प, पश्चिम बंगाल के आशीष मालाकर को शोलापथ शिल्प, ओडिशा के अर्जुन मुंडा को धान शिल्प, हिमांशु शेखर पंडिया को तुम्बा हस्तशिल्प, गगन बाई गुइन को तुषार सिल्क, हरि शंकर मेहर को इकत शिल्प, गुजरात के बिछरलाल खेमजी बाई को कच्छ शिल्प के लिए सम्मानित किया गया। कला निधि अवॉर्ड से बिहार की बोवा देवी को मिथिला पेंटिंग, ओडिशा के निरंजन मोहराना को पटचित्र, सुशांत कुमार दास व शक्ति धन नायक को कोनार्क स्टोन कार्विंग, आंध्रप्रदेश के पुद्दुरु श्रीनिरासुलु कलमकारी, हिमाचल प्रदेश की हेमा देवी को किन्नौरी स्टॉल, ओडिशा के बिचित्रा मेहर को संबलपुरी इकत और पश्चिम बंगाल के नजीज शेख को जामदानी के लिए सम्मानित किया गया। कलाश्री अवॉर्ड से उत्तर प्रदेश के द्वारिका प्रसाद सोनी को शजर पत्थर कला, मध्य प्रदेश की कांता कांसे बाई खड़से को खजूर शिल्प, हिमाचल प्रदेश की अनीता को बुनाई टैंटिंग और कढ़ाई सामान, दिल्ली के दीपांशु को मेटल आर्टवेयर, आंध्र प्रदेश के सुंघरलक्ष्मी नारायण को मछलीपट्टनम कलमकारी, उत्तर प्रदेश के मुकुंद लाल मोर्या को तनहोइरंगकैट, ओडिशा के रामचंद्र साहू को ताड़ के पत्ते पर नक्काशी और चित्रकारी तथा पश्चिम बंगाल के अलक कुमार जाना को मदुरकाठी के लिए सम्मानित किया गया। वहीं बेस्ट फॉरेन अवॉर्ड से श्रीलंका के ई.ए.डब्ल्यू. पुष्पा कुमारा को नारियल के खोल पर शिल्प, आर्मेनिया देश के अर्मेनुही खाचटर्यन को लोक शिल्प और जिम्बाब्वे के तेंबा मालंग को कालीन के लिए सम्मानित किया गया।