Faridabad NCR
शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने को लेकर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और एहिमे विश्वविद्यालय के बीच हुई चर्चा

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 6 मार्च। जापान के एहिमे विश्वविद्यालय से दो सदस्यीय शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल ने आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के बीच भविष्य के शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को लेकर विचार-विमर्श करना था। प्रतिनिधिमंडल ने खेल डेटा विश्लेषण, अवसंरचना और आपदा प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान क्षेत्रों में अवसरों का लेकर चर्चा की तथा सहयोगात्मक अनुसंधान को लेकर इच्छा जताई।
प्रतिनिधिमंडल में जापान के एहिमे विश्वविद्यालय से पर्यावरण डिजाइन विभाग के प्रोफेसर और आपदा प्रबंधन सूचना विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर नेत्र प्रकाश भंडारी और क्षेत्रीय संसाधन प्रबंधन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं पेशेवर फुटबॉल प्रशिक्षक रहे डॉ. अकीरा यामानाका शामिल थे। दोनों विश्वविद्यालयों के समझौते के अंतर्गत आयोजन संवाद सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने की।
बैठक के दौरान, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की निदेशक प्रो. मनीषा गर्ग ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया तथा विश्वविद्यालय की शोध क्षमताओं और रणनीतिक क्षेत्रों को लेकर चर्चा की। उन्होंने वैश्विक साझेदारी को लेकर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान है। विश्वविद्यालय दुनिया भर के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर अनुसंधान के उभरते क्षेत्रों पर परस्पर सहयोग के अवसर तलाशने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एहिमे विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के साथ सहयोग से शोध एवं नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। जापान और भारत सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और इस सहयोग से दोनों विश्वविद्यालयों को लाभ होगा।
सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. भंडारी ने जापान की भूवैज्ञानिक गतिशीलता पर प्रकाश डाला और आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और एआई-संचालित जोखिम मूल्यांकन मॉडल में संयुक्त अनुसंधान का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि जापानी सरकार स्टूडेंट एक्चेज और अंतःविषय नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्राथमिकता देती है। प्रो. भंडारी ने दोनों संस्थानों के बीच संभावित शोध क्षेत्रों को लेकर भी चर्चा की।
डॉ. यामानाका ने अकादमिक और खेल कोचिंग में अपनी दोहरी विशेषज्ञता का परिचय देते हुए “खेलों में डेटा-संचालित रणनीतियों को लेकर विश्लेषण पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया। उन्होंने भारतीय शोधकर्ताओं को एहिमे विश्वविद्यालय में खेल विज्ञान में अनुसंधान करने के लिए आमंत्रित किया। सत्र का समापन संवादात्मक प्रश्नोत्तरी के साथ हुआ, जहाँ प्रतिनिधियों ने जापान में शिक्षा एवं अनुसंधान के अवसरों को लेकर प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया। अंत में प्रो. संध्या दीक्षित ने ज्ञानवर्धन के लिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का धन्यवाद किया। सत्र का संचालन एवं समन्वयन सहभागिता एवं उद्योग संपर्क मामलों की प्रभारी डॉ. रश्मी पोपली ने किया। इस सत्र में विभिन्न शिक्षण विभागों से संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया।