Connect with us

Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और रोमानिया का तकनीकी विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 28 मार्च। फरीदाबाद का जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद और रोमानिया का तकनीकी विश्वविद्यालय क्लुज-नेपोका (टीयूसीएन) उभरती प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोगात्मक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय ने शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने के लिए एक अकादमिक समझौते पर हस्ताक्षर किये है।
यह समझौते जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर की उपस्थिति में हुआ, जिसमें टीयूसीएन के रेक्टर प्रो. वासिल टोपा और जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किये। यह समझौता वैश्विक अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देने और नवाचार के माध्यम से समाधान प्रदान करने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन और विभिन्न शिक्षण विभागों के अध्यक्ष उपस्थित थे। प्रो. टोपा के साथ टीयूसीएन में सिग्नल और सिस्टम थ्योरी की प्रोफेसर प्रो. मरीना टोपा भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ सहभागिता के माध्यम से प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और अनुसंधान की कोई सीमा नहीं होती। परस्पर संवाद शोध विचारों को पोषित करने में अहम भूमिका निभाते है। टीयूसीएन जैसे संस्थानों के साथ सहभागिता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की नवाचार के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों के लिए समाधान देने के उद्देश्य का हिस्सा है। इस तरह की साझेदारी शिक्षा के साथ-साथ नवाचार को भी आगे बढ़ायेगी, जिससे उद्योग जगत को भी लाभ होगा।
कुलपति प्रो. तोमर ने ज्ञान और नवाचार को प्रोत्साहन देने में वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों के बीच निरंतर सहयोग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी को बनाये रखने के लिए विश्वविद्यालय आॅनलाइन संचालित कार्यक्रमों को प्राथमिकता देगा। इसके साथ-साथ संयुक्त अनुसंधान एवं संकाय-छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि इस साझेदारी के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. टोपा ने रोमानिया में कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग और संबद्ध क्षेत्रों में अग्रणी अनुसंधान और शिक्षा केंद्र के रूप में तकनीकी विश्वविद्यालय क्लुज-नेपोका (टीयूसीएन) की भूमिका का उल्लेख किया। दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी के लिए समर्पित पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट का निर्माण कर रहा है, जो वर्ष 2025 में पूरा होने होना अपेक्षित है। इस इंस्टीट्यूट एआई-संचालित प्रोटोटाइप और प्रौद्योगिकियों के लिए एक समर्पित मंच के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी से एआई के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान के रास्ते भी खुलेंगे, जिससे एआई और उभरते क्षेत्रों में दोनों विश्वविद्यालयों की क्षमता बढ़ेगी।
प्रो. टोपा ने बताया कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहभागिता को राजनयिक समर्थन भी मिला है क्योंकि भारत में रोमानिया की राजदूत ने इस पहल के लिए उत्साह व्यक्त किया है। प्रो. टोपा ने साझेदारी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए टीयूसीएन की ओर से प्रतिबद्धता जताई।
इस अवसर पर अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की निदेशक प्रो. मनीषा गर्ग ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया तथा विश्वविद्यालय की शोध क्षमताओं और रणनीतिक क्षेत्रों को लेकर चर्चा की। उन्होंने वैश्विक साझेदारी को लेकर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम का समन्वय एमओयू के नोडल अधिकारी प्रो. संजीव गोयल और उद्योग संपर्क मामलों की प्रभारी डॉ. रश्मी पोपली द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलपति के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. संदीप ग्रोवर, डीन (एफईटी) प्रो. राज कुमार, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. अतुल मिश्रा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्ष प्रो. अरविंद गुप्ता, साहित्य एवं भाषा विभाग की अध्यक्ष प्रो. दिव्यज्योति सिंह, जीव विज्ञान की अध्यक्ष डॉ. काकोली दत्त, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी प्रो. राजेश आहूजा और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इससे पहले, प्रो. वासिल टोपा ने विश्वविद्यालय के विभिन्न तकनीकी विभागों का दौरा किया और विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही अनुसंधान सुविधाओं का जायजा लिया।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com