Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 7 मई। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक फॉर वूमेन, फरीदाबाद में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 के अवसर पर एक भव्य प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम थी – “आज की तकनीक से सशक्त हो रहा है आने वाला कल”। इस आयोजन का उद्देश्य छात्राओं को नवाचार और तकनीकी सोच के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं श्रीमती तरुणा अग्रवाल, चेयरपर्सन – साई ऑटो कंपोनेंट्स लिमिटेड एवं प्रेसिडेंट – इनरव्हील क्लब। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं सुश्री प्रतिमा गर्ग, जो बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानी की पहली महिला मैकेनिकल इंजीनियर हैं।
इस विशेष अवसर पर संस्थान की प्राचार्या श्रीमती मीनू वर्मा तथा सभी विभागों के प्रमुख भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। दो वरिष्ठ निर्णायकों ने छात्राओं के प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया।
प्रदर्शनी में कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल, मेकेनिकल, फैशन डिजाइनिंग और आर्किटेक्चर विभागों की छात्राओं ने आधुनिक एवं प्रासंगिक तकनीकों पर आधारित परियोजनाएं प्रस्तुत कीं। प्रदर्शनी में कंप्यूटर विभाग की छात्राओं ने स्मार्ट कैंपस नेटवर्क, टाइमटेबल मैनेजमेंट सिस्टम जैसे नवाचारपूर्ण प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग द्वारा फूट स्टेप पावर जनरेशन, ऑटोमेटिक वॉटर तप आईआर सेंसर, लेजर टच बेस्ड वॉइस ट्रांसमीटर एंड रिसीवर जैसे प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए गए।सिविल विभाग द्वारा सीवेज सिस्टम, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों तथा सस्पेंशन ब्रिज के मॉडल्स प्रदर्शित किए गए। आर्किटेक्चर विभाग की छात्राओं ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का डिज़ाइन तैयार किया। फैशन डिजाइनिंग विभाग की छात्राओं ने पारंपरिक और आधुनिकता का मेल दर्शाते हुए खूबसूरत लहंगे और आकर्षक बैग्स की रचनाएँ प्रदर्शनी में रखीं।
छात्राओं ने नई और उभरती तकनीकों का कुशलता से उपयोग करते हुए अपने प्रोजेक्ट्स में अद्भुत कार्य किया, जिसकी अतिथियों एवं निर्णायकों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
प्राचार्या श्रीमती मीनू वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि “यह प्रदर्शनी छात्राओं की नवाचार क्षमता का प्रमाण है और इस तरह के आयोजन उनके तकनीकी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।”
यह आयोजन न केवल छात्राओं के लिए एक प्रेरणा बना, बल्कि यह तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की सशक्त भागीदारी का भी प्रतीक रहा।