Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 जून। चेयरमैन फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमिटी (एफएफआरसी) ने मॉडर्न डीपीएस के प्रिंसिपल को एक और पत्र भेजकर पेरेंट्स की शिकायतों का समाधान करने का आग्रह किया है। इसी पत्र में शिकायतकर्ता पेरेंट्स को भी सलाह दी गई है कि स्कूल चलाने के लिए जरूरी फीस मासिक आधार पर शीघ्र जमा कराएं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने एफएफआरसी की इस कार्रवाई को पूरी तरह इस स्कूल के आगे सरेंडर करना बताया है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि एफएफआरसी ने पत्र में पेरेंट्स को यह सलाह तो दे दी की स्कूल के खर्चों को पूरा करने के लिए ट्यूशन फीस जरूर जमा कराएं लेकिन यह नहीं लिखा कि गत वर्ष की जो ट्यूशन फीस थी उसी को मासिक आधार पर जमा कराएं। ऐसा उन्होंने स्कूल को फायदा पहुंचाने की नीयत से किया है। जब कि इस स्कूल के दर्जनों अभिभावकों ने शिकायत ही यह की थी कि यह स्कूल गत वर्ष 2019 की ट्यूशन फीस 7000 की जगह में 9560 अभिभावकों से वसूल रहा है जो शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन है। अभिभावकों ने एफएफआरसी से जिस बात की शिकायत की उस पर तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई उल्टा स्कूल प्रबंधक से ही कह दिया कि अभिभावकों की शिकायत का समाधान करें। यानी जिसकी शिकायत की उसी को ही जज बना दिया। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने कहा है कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि चेयरमैन एफएफआरसी ने 22 मई को 21 स्कूल प्रबंधकों को नोटिस भेजकर गत वर्ष की ही ट्यूशन फीस लेने के लिए कहा था और ट्यूशन फीस में कोई भी फंड मर्ज करने के लिए मना किया था जिसके बाद अधिकांश प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने बढ़ी हुई फीस वापस ले ली थी और इस बारे में पेरेंट्स को रिवाइज नोटिस भी भेज दिया था लेकिन मॉडर्न डीपीएस, ग्रैंड कोलंबस, अरावली स्कूल के प्रबंधकों ने एफएफआरसी के नोटिस के बाद भी बढ़ी हुई फीस लेना जारी रखा। मॉडर्न डीपीएस के प्रबंधक ने तो सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि उसने अपने स्कूल के 90% से अधिक अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस वसूल ली है।
अब जो 10% अभिभावक बचे हैं उनको एफएफआरसी ने शीघ्र फीस जमा कराने के लिए कह दिया है। कैलाश शर्मा ने कहा है कि एफएफआरसी ने सबसे बड़ी चूक तो यह है कि है कि उसने शिकायतकर्ता अभिभावकों के नाम स्कूल मैनेजमेंट के सामने सार्वजनिक कर दिए जिससे इस स्कूल के प्रबंधक ने साम दाम दंड भेद की नीति अपनाकर अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस भी ले ली और यह भी लिखवा लिया कि उन्होंने शिकायत वापस ले ली है और उनकी समस्या का समाधान हो गया है। लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे अभिभावक हैं जिन पर स्कूल की धमकी का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने इस स्कूल की मनमानी की शिकायत चेयरमैन एफएफआरसी से की है। मंच ने एफएफआरसी फरीदाबाद की इस नकारात्मक कार्यशैली की शिकायत सबूत के साथ प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री शिक्षा सचिव से की है पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।