Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन 2025 का शुभारंभ

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 13 मई। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में आज “विज्ञान सम्मेलन 2025” का शुभारंभ हुआ। “उभरता विज्ञान, युवा मस्तिष्क और उत्साही नवाचार: विकसित भारत के लिए एक दृष्टिकोण” विषय पर आधारित यह दो दिवसीय आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित किया गया है और यह हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा वित्त-पोषित है। यह सम्मेलन भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीवन विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभागों के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया है।
सम्मेलन का उद्घाटन कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने मुख्य अतिथि प्रो. अविनाश चंद्र पांडे, निदेशक, इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर, नई दिल्ली और सम्मानित अतिथि प्रो. पवन कुमार शर्मा, प्रो-उपकुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ की उपस्थिति में किया। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन, मां सरस्वती की वंदना और विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ हुई।
इस अवसर पर अनुसंधान और विकास निदेशक प्रो. मनीषा गर्ग, डीन (विज्ञान) और संयोजक प्रो. अनुराधा शर्मा, गणित विभाग की अध्यक्ष प्रो. नीतू गुप्ता, भौतिकी विभाग की अध्यक्ष प्रो. सोनिया बंसल, रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवि कुमार, जीव विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. काकोली दत्त, पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेनुका गुप्ता और अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे।
प्रो. अनुराधा शर्मा ने सम्मेलन के उद्देश्यों और कार्यक्रमों का परिचय दिया। सम्मेलन में 250 छात्रों ने पोस्टर मेकिंग, वैज्ञानिक मॉडल और विज्ञान पर नाट्य प्रतियोगिताओं के लिए पंजीकरण किया है। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने विज्ञान में रटने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई और अवधारणात्मक समझ पर बल दिया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. तोमर ने भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं भारतीय संस्कृति को लेकर अपने विचार रखे तथा असफलताओं से सीखने पर बल दिया। उन्होंने थॉमस एडिसन का उदाहरण दिया, जिन्होंने अनेक विफलताओं के बावजूद बल्ब का आविष्कार किया।
मुख्य अतिथि प्रो. पांडे ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के युद्ध परिदृश्य में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी, पारंपरिक त्रिकोणमिति और खगोलीय गणनाओं पर चर्चा की। उन्होंने रेडिएशन इकाइयों (बेकेरल, ग्रे, सिवर्ट) और फ्यूजन-आधारित रिएक्टरों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की आईटीईआर तथा ईएएसटी परियोजनाओं परियोजनाओं में भूमिका का उल्लेख किया।
सम्मानित अतिथि प्रो. शर्मा ने विज्ञान के सामुदायिक व राष्ट्रीय परिवर्तन में योगदान पर बल दिया। उन्होंने जिज्ञासा, रचनात्मकता और प्रतिबद्धता को विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण गुण बताया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए गवर्नमेंट कालेज, रेवाड़ी से डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और देशभक्ति गीतों से प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. नीतू गुप्ता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सम्मेलन के आयोजन के लिए आयोजन समिति की सराहना की।