Connect with us

Faridabad NCR

फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में मरीजों को मिले पूरा इलाज, दूसरी जगह रेफर की प्रथा खत्म हो : दीपेन्द्र हुड्डा

Published

on

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में मरीजों को पूरा इलाज, जांच और दवाई की सुविधा मिलनी चाहिए। इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दूसरी जगह रेफर करने की प्रथा खत्म होनी चाहिए। इसके लिए सरकार तुरंत पर्याप्त डॉक्टर, पैरा-मेडिकल स्टाफ, दवाई, जांच, उपकरणों की व्यवस्था के साथ ही बढ़ती हुई जनसंख्या के हिसाब से शहर की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त बेड वाले ए-ग्रेड ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था की जाए। ताकि सड़क दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को यहाँ पूरा इलाज मिले न कि ‘रेफर टू दिल्ली’ का पर्चा मिले। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कई बार समय से इलाज न मिलने पर मरीज की जान तक चली जाती है। फरीदाबाद रेफरमुक्त संघर्ष समिति के संयोजक संजय भाटिया, सतीश चोपड़ा ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से मुलाकत कर अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि फरीदाबाद रेफरमुक्त संघर्ष समिति की मांगें जायज हैं। सरकार तुरंत इनका समाधान करे।

उन्होंने कहा कि 11 साल में फरीदाबाद की जनसंख्या तो बढ़ी, लेकिन नया अस्पताल खुलना तो दूर, मौजूदा अस्पतालों में सुविधाएं तक नहीं बढ़ी। इतना ही नहीं, सरकार 5 तरफ से फरीदाबाद में टोल वसूल रही है, बेतहाशा टैक्स वसूल रही है लेकिन यहाँ के लोगों के लिए कोई काम नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय फरीदाबाद में 700 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआई मेडिकल कॉलेज बनाया गया, इसी दौरान बदरपुर फ्लाईओवर का निर्माण हुआ, मेट्रो आई, फोरलेन सड़क बनी, आईएमटी पृथला की स्थापना की गई। उन्होंने आगे कहा कि 11 साल में विकास के नाम पर फरीदाबाद में बीजेपी के आलीशान दफ्तर बनने के अलावा कुछ नहीं हुआ। 11 साल में सरकार ईएसआई मेडिकल कॉलेज के सामने की सड़क तक नहीं बनवा पाई न वहां डॉक्टरों का इंतजाम किया।

सिविल अस्पताल फरीदाबाद के बाहर पिछले 200 से ज्यादा दिनों से रेफरमुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले धरना दे रहे सतीश चोपड़ा ने बताया कि पूरे लोकराभा क्षेत्र में कोई A ग्रेड का सरकारी ट्रॉमा सेन्टर नही है हाल ही में केवल 10 बेड का ट्रॉमा केयर सेंटर बनाने की घोषणा हुई है लेकिन ये जनसंख्या के हिसाब से नाकाफ़ी है। सिविल अस्पताल में गेस्ट्रो, नेफ्रो, स्पाइन, यूरोलोजिस्ट, कार्डियोलोजिस्ट न्यूरो साइकेट्रिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट जैसे सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर्स नहीं हैं। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज तक नही होता मरीजो को अल्ट्रासाउंड की सुविधा तक नहीं मिलती है। सिविल अस्पताल फरीदाबाद में मेंटेनेंस के अभाव में करोड़ों रूपये की डिजिटल एक्सरे मशीन व ऑक्सीजन प्लांट बन्द पड़े हैं। लोहे के कनेक्टर में बनी 99 बेड वाली एक्सीडेंटल एमरजेंसी का फर्श जगह जगह से गलकर टूट गया है, वार्डो के AC खराब, वाटर कूलर खराब है, शौचालय की दुर्दशा है, पीने का पानी तक नहीं है। फायर सेफ्टी का काम 3 साल से अटका हुवा है पूरे अस्पताल में 1 लिफ्ट है वो भी अक्सर खराब रहती है। मोर्चरी में केवल 14 फ्रीजर है जो ज्यादातर खराब रहते है। गर्मी में हर साल शवों की दुर्गति होती है।

सतीश चोपड़ा ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को बताया कि देश की राजधानी से सटा और स्मार्ट सिटी कहा जाने वाला फरीदाबाद औद्योगिक नगर के रूप में पूरे हरियाणा में टैक्स देने में दूसरे नंबर पर है। यहाँ से कई नेशनल हाइवे और स्टेट हाईवे जुड़े हुए हैं फिर भी अस्पताल फरीदाबाद की स्थिति बेहद खराब है, जिसके चलते मरीजों को दूसरी जगहों पर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 2020 में सरकार ने 460 बेड वाले अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज छायंसा को अधिग्रहित किया था लेकिन 5 वर्ष बाद भी आज यहाँ ऑपरेशन की सुविधा तक नहीं है। इस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स के 85 पद हैं लेकिन केवल 35 से ही काम चलाया जा रहा है। इसके कारण जनरल आईपीडी सर्विस ओर ईमरजेन्सी वार्ड ही चल रहा है। इस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर व अन्य मेडिकल सुविधाओं के कमी से लोग इलाज से वंचित हो रहे हैं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com