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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में उभरते भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर विशेषज्ञ व्याख्यान

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 18 अगस्त। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आज “उभरता भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी: परिदृश्य, अवसर, चुनौतियाँ और आगे की राह” शीर्षक से एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया। यह व्याख्यान प्रसिद्ध रक्षा विश्लेषक और संस्थान के एलुमनाई, 1979-1983 बैच (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) आदर्श भारद्वाज,द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. अरविंद गुप्ता और डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रदीप डिमरी द्वारा अतिथि वक्ता को पौधा भेंट करने के साथ हुई।
अपने सम्बोधन में ब्रिगेडियर भारद्वाज ने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के वर्तमान परिदृश्य पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है और स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ की तैयारी कर रहा है। उन्होंने तकनीकी छात्रों को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर गहन व्याख्यान दिया।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए विभाग की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे व्याख्यान छात्रों में जिज्ञासा जगाते हैं और उन्हें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।
इस सत्र में सेना और नौसेना विंग के कैडेट्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ब्रिगेडियर भारद्वाज, जिन्हें भारतीय सेना में परिचालन, तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है, ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पश्चिमी मोर्चे के रेगिस्तानी क्षेत्रों में सेवा के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने सेना के सबसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में से एक के प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी भूमिका का भी उल्लेख किया और भारी युद्ध उपकरणों के नवीनीकरण, स्वदेशीकरण और महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स के उत्पादन को लेकर जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. संजीव गोयल द्वारा कार्यक्रम और विभाग के बारे में संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। सत्र का समापन एनसीसी केंद्र के प्रभारी डॉ. ओ.पी. मिश्रा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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