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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 5 सितंबर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में ‘शिक्षक दिवस’ को उत्साह और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षकों को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
फैकल्टी एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का थीम “शिक्षा के स्तंभों का सम्मान” रखा गया। कार्यक्रम में शिक्षकों की राष्ट्र निर्माण में अमूल्य भूमिका को सराहा गया। विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अजय रँगा, सभी डीन, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो. अजय रँगा ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला और सभी को इस अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य आसान नहीं है, क्योंकि इसमें हर दिन अनुशासन, तैयारी और समर्पण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक जीवन को आकार देने की जिम्मेदारी निभाते हैं। शिक्षा की धारणा को बदलने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने सैद्धांतिक ज्ञान से अधिक व्यावहारिक ज्ञान और नवाचारी शिक्षण विधियों पर ध्यान देने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय के मजबूत पूर्व छात्र नेटवर्क का उल्लेख करते हुए उन्होंने समग्र विकास के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने और विश्वविद्यालय की समृद्ध विरासत और गौरव को फिर से बहाल करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रो. अजय  रँगा ने प्रो. सी.के. नागपाल और प्रो. एम.एल. अग्रवाल को विश्वविद्यालय में 30 वर्षों से अधिक की समर्पित सेवा के लिए ‘सम्मान पत्र’ प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने स्वागत संबोधन से हुआ, जिन्होंने प्रो. अजय रँगा को कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने एसोसिएशन की संकाय सदस्यों के बीच सहयोग और नई संभावनाएं के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. प्रदीप डिमरी ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक का सम्मान, संभावनाओं का सम्मान है। विश्वविद्यालय के कुलगीत का उल्लेख करते हुए, उन्होंने बताया कि यह अतीत और भविष्य दोनों का प्रतीक है। चाणक्य को आदर्श शिक्षक के रूप में उद्धृत करते हुए, उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें ज्ञान और विनम्रता जैसे महान गुण प्रदान करती है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. संदीप ग्रोवर ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल अतीत की उपलब्धियों को याद करने का अवसर नहीं है, बल्कि अतीत और भविष्य पर चिंतन करने का समय है। “युवाओं को भविष्य के लिए प्रेरित करना” थीम पर जोर देते हुए, उन्होंने शिक्षकों को युवा मनों को भविष्य के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी याद दिलाई।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. सी.के. नागपाल ने शिक्षा को शिक्षकों के लिए एक प्रदर्शन कला के रूप में उल्लेखित किये। उन्होंने शिक्षकों को शिक्षण से मिलने वाली खुशी और संतुष्टि के प्रति प्रेरित किया।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पूर्व प्रोफेसर प्रो. एम.एल. अग्रवाल ने उच्च शिक्षा में शिक्षण और प्लेसमेंट को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इंटर्नशिप को पेशेवर विकास की पहली सीढ़ी बताया और संकाय सदस्यों से छात्रों को उनके करियर और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर शिक्षकों को समर्पित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गयी। कार्यक्रम का समापन फैकल्टी एसोसिएशन के महासचिव डॉ. सुनील कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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