Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मनुष्य के शरीर में दिल का विशेष महत्व है, यह धडक़ता रहता है तो जीवन बचा रहता है और जहां धडक़ना बंद वहां मनुष्य की मौत हो जाती है। वर्तमान परिवेश में हार्ट के रोगों में एकाएक इजाफा हुआ है, इसका मुख्य कारण लोगों को जागरुकता की कमी और हृदय के प्रति लापरवाही मुख्य कारण माना जाता है। विश्व हार्ट दिवस पर एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. एस.एस. बंसल ने एक साक्षात्कार में हृदय को स्वस्थ्य रखने और बेहतर रखरखाव के प्रति विस्तार से बातचीत की।
प्रशन : दिल की बीमारी का जल्दी पता क्यों लगाना ज़रूरी है?
उत्तर : हां, अटैक बिना चेतावनी के अचानक मौत का कारण बन सकता है- नींद में, सडक़ पर, मंच पर या खेलते समय, कहीं भी कभी भी आ सकता है।
प्रश्न: अक्सर जिम-व्यायाम के बाद लोग क्यों गिर जाते हैं?
उत्तर: अगर लम्बे समय बाद अचानक व्यायाम शुरू करें तो छुपी हुई दिल की बीमारी घातक हो सकती है। इसके लिए पहले हार्ट जांच ज़रूर कराएं।
प्रश्न: जांच कब से शुरू करनी चाहिए?
उत्तर : 20 साल की उम्र से हृदय की जांच शुरु करवानी चाहिए। शुगर, कोलेस्ट्रॉल, बीपी और वजन की जांच होनी चाहिए और थोड़ी सी गड़़बड़ी हो तो तुरंत इलाज शुरू करना चाहिए।
प्रशन: कितनी बार हार्ट चैकअप करना चाहिए?
उत्तर: 30-40 वर्ष की उम्र में हर 2 साल और 40 के बाद हर साल-भले ही कोलेस्ट्ॉल सामान्य हो, इसके बावजूद जांच निरंतर जांच करवानी चाहिए।
प्रश्न: क्या सामान्य ब्लड टेस्ट होने पर भी हार्टडिजीज हो सकती है?
उत्तर : हां, ब्लड टेस्ट ब्लॉकेज नहीं बताते। ईसीजी, ईको, टीएमटी, कैल्शियम स्कोर या सीटी एंजियो कराना ज़रूरी है।
प्रश्न : सामान्य कोलेस्ट्रॉल वालों को भी हार्ट अटैक हो सकता है?
उत्तर: हां। 50 प्रतिशत से अधिक गंभीर हार्ट मरीजों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होता है।
प्रश्न : इलाज में कया नई तरक्कियां हैं?
उत्तर : सीटी एंजियो (बिना ऑपरेशन, सटीक), वेहतर स्टेंट, इग-कोटेड बलून, लीडलेस पेसमेकर, मिंद्राक्लिप, और हार्ट वॉल्व का बिना सर्जरी बदलना (टीएवीआर)।
प्रश्न: एसएसबी अस्पताल में क्या विशेष सुविधाएं हैं?
उत्तर: 30 प्लस साल का अनुभव, जटिल एंजियोप्लास्टी व सर्जरी, रोटाब्लेशन, जापान, अमेरिका से विशेष तार व कैथेटर, 4डी ईको, एडवांस सीटी स्कैन, और संपूर्ण हार्ट उपचार टीमें अस्पताल में मौजूद है, जो हर स्थिति से निपटने के लिए तत्पर है। उनके यहां भारत ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मरीज भी आते है, पिछले 15 सालों में यूके, खाड़ी, अफ्रीका, फिजी आदि देशों से मरीज आए है, जो यहां आधुनिक चिकित्सा किफायती दरों पर हासिल करते है।
प्रश्न : दवा, एंजियोप्लास्टी या बाईपास का निर्णय कैसे होता है?
उत्तर : रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है। हमारे यहां अधिकांश बाईपास योर्य मरीज एंजियोप्लास्टी से ही हो जाते है, बिना काटे-टांके के, इसे पूरा किया जाता है।
प्रश्न : एंजियोप्लास्टी में ब्लीडिंग कैसे रोकते हैं?
उत्तर: ज्यादातर हाथ (रेडियल रुट) से करते हैं। अगर पैर से करना पड़े तो विशेष डिवाइस से छेद तुरंत बंद कर देते हैं, जिससे मरीज तुरंत चल सकता है।
प्रश्न: बिना शुगर, बीपी, फैमिली हिस्ट्री व स्मोकिंग वाले को भी हार्ट अटैक हो सकता है?
उत्तर : हां। प्रदूषण, तनाव, कोविड जैसे वायरल संक्रमण और कुछ छुपे हुए ब्लड मार्कर भी इसका कारण बनते हैं।
प्रश्न: भारतवासियों के लिए आपका संदेश?
उत्तर: अपने दिल को हल्के में न लें। यह आपको सबसे कम उम्मीद के समय धोखा दे सकता है, इसलिए इसका विशेष ध्यान रखे।
प्रश्न : लोगों के लिए आपके चार स्वर्णिम नियम?
उत्तर : 1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन, धूव्रपान व शराब से बचें।
2. 30 वर्ष के बाद हर साल हार्ट चेकअप कराएं। 3. बीपी, शुगर और कोलेस्ड्रॉल को नियंत्रित रखें। 4. हार्ट अटैक होने पर तुरंत इलाज लें- जान बचाई जा सकती है।