Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में किया जायेगा विकसित : कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 6 अक्टूबर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज एक मीडिया संवाद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में विकसित करने को लेकर अपनी महत्वाकांक्षी योजना साझा कीं।
संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवन सिंह द्वारा संचालित इस सत्र में कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने शैक्षणिक बदलाव, बुनियादी ढांचे, उद्योग सहयोग और सामाजिक जिम्मेदारी पर केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अजय रँगा, डीन (संस्थान) प्रो. मुनीश विशिष्ठ, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. अतुल मिश्रा, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रदीप डिमरी और परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव सिंह उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय का लक्ष्य एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग में भारत के शीर्ष संस्थानों में स्थान हासिल करना है, जो वर्तमान में इंजीनियरिंग श्रेणी में 151-200 रैंक बैंड में है। आगामी नैक चक्र-3 में वर्तमान ए+ ग्रेड को बेहतर करने और सभी पात्र तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एनबीए मान्यता प्राप्त करने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सतत प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों को शामिल करेगा। इस समय विश्वविद्यालय के 15 शिक्षण विभागों और कम्युनिटी कॉलेज में 7 हज़ार से अधिक छात्रों शिक्षा ले रहे है।
उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय 600 छात्रों की क्षमता वाला आठ मंजिला लड़कों का छात्रावास बनाने की योजना बना रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 35 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना का डिजाइन तैयार है और एक माह के भीतर निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। पूर्व छात्रों से जुड़ाव बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव दिया है कि पूर्व छात्र संघ इस परियोजना को प्रायोजित करे, जिसका नाम किसी प्रतिष्ठित पूर्व छात्र के नाम पर रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, नए पाठ्यक्रमों के लिए स्थान की आवश्यकता को पूरा करने हेतु विश्वविद्यालय निकटवर्ती खली पड़े सरकारी भवनों, जैसे स्कूलों, की तलाश कर रहा है। इन विकास परियोजनाओं के लिए फरीदाबाद जिला प्रशासन से समर्थन मांगा गया है।
विश्वविद्यालय छात्रों के कौशल-आधारित प्रशिक्षण और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहा है। कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने संतुष्टि जताई कि विश्वविद्यालय परिसर में प्रमुख कंपनियां कैंपस में प्लेसमेंट गतिविधियों के लिए आ रही हैं और सभी पात्र छात्र को प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से प्लेसमेंट या इंटर्नशिप का अवसर प्राप्त हो रहा है। विश्वविद्यालय का इनक्यूबेशन सेंटर वर्तमान में 18 स्टार्टअप्स को सहयोग दे रहा है, और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इसे और विस्तार देने की योजना है। पिछले तीन वर्षों में केंद्र और राज्य एजेंसियों से विश्वविद्यालय को 25 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसने शोध गतिविधियों को गति दी है। इस दिशा में आगे भी प्रयास जारी है।किये जा रहे है।
प्रो. राजीव कुमार ने कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर बल दिया। कैंपस में पेयजल की समस्या को स्वीकार करते हुए उन्होंने समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाने का आश्वासन दिया। छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर उन्होंने परामर्श सेवाओं की उपलब्धता पर प्रकाश डाला और माता-पिता से बच्चों की आकांक्षाओं को सुनने और उनके खिलाफ दबाव न डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि आत्महत्या एक सामाजिक समस्या है। इसके लिए अभिभावक, समाज और शिक्षण संस्थानों को मिल कर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर राज्य सरकार द्वारा आवंटित 18 एकड़ के भूखंड पर दूसरे परिसर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है। यह परिसर शैक्षणिक और शोध सुविधाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय की प्रगति को बढ़ावा देने में पूर्व छात्रों और मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बल दिया।