Faridabad NCR
संबद्ध कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और एनईपी-2020 सुधारों पर ध्यान दें : प्रो. राजीव कुमार
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 25 नवम्बर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सहभागी शासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने आज सभी संबद्ध कॉलेजों से विश्वविद्यालय की नीति-निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से अपने सुझाव देने एवं भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने संबद्ध कॉलेजों के निदेशकों एवं प्रधानाचार्यों के साथ अपनी पहली औपचारिक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में एनईपी-2020 को लागू करने की सामूहिक जिम्मेदारी तथा संबद्ध कॉलेजों को उत्कृष्टता केंद्र बनाने पर बल दिया। बैठक में डीन (इंस्टीटूशन) प्रो. मुनीश वशिष्ठ, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. अतुल मिश्रा, कुलसचिव प्रो. अजय रँगा , परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार सिंह सहित सभी डीन एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक समस्याओं का समाधान करना था।
छात्रों की प्रश्न-पत्र पैटर्न, पाठ्यक्रम समीक्षा एवं परिणाम समय पर घोषित करने संबंधी शिकायतों पर ध्यान देते हुए कुलपति ने सभी संबद्ध कॉलेजों को शीघ्रातिशीघ्र विषयवार प्रश्न बैंक तैयार कर विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इन प्रश्न बैंक को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर छात्रों के लिए लिए अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कॉलेजों से परीक्षा मूल्यांकन कार्य में अपने फैकल्टी सदस्यों को भेजकर परिणाम समय पर घोषित करने में सहयोग करने का भी आग्रह किया। कुलसचिव प्रो. अजय रँगा ने परीक्षा एवं मूल्यांकन में अधिक वस्तुनिष्ठता एवं मानकीकरण लाने के लिए ब्लूम्स टैक्सोनॉमी आधारित प्रश्न-पत्र पैटर्न अपनाने का प्रस्ताव रखा।
कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने गुणवत्तायुक्त एवं विशेषज्ञ फैकल्टी की नियुक्ति, शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने तथा प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कक्षाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक प्रयोगशालाओं में आयोजित हों। विशेषज्ञ फैकल्टी की कमी पर उन्होंने कॉलेजों को मूक्स, एनपीटीईएल जैसे संसाधनों का प्रभावी उपयोग करने की सलाह दी।
विश्वविद्यालय ने संबद्ध कॉलेजों की फैकल्टी के क्षमता निर्माण हेतु विभागीय कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने तथा सभी संबद्ध कॉलेजों के छात्रों के लिए केंद्रीकृत प्लेसमेंट ड्राइव एवं जॉब फेयर आयोजित करने में पूर्ण सहयोग की घोषणा की।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा आगामी सुधारों जैसे राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई), मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, बहु-विषयी शिक्षा तथा 2025-26 सत्र से लागू नए यूजीसी विनियमों पर चर्चा करते हुए प्रो. कुमार ने स्पष्ट किया कि ये सुधार संबद्ध कॉलेजों पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं डालेंगे, बल्कि प्रक्रियाओं को सरल बनाएंगे। हालांकि, अब कक्षा 12 में किसी भी विषय में उत्तीर्ण छात्र तकनीकी कोर्सों में प्रवेश ले सकेंगे, इसलिए विविध पृष्ठभूमि के छात्रों के शैक्षणिक अंतर को भरने की जिम्मेदारी कॉलेजों पर भी अधिक होगी। इस बदलाव को सुगम बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने प्रवेश, मूल्यांकन तथा पाठ्यक्रम एवं योजना सुधार के लिए तीन अलग-अलग समितियां गठित की हैं।
भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने के प्रश्न पर कुलगुरु ने कहा कि इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकल्प बढ़ेंगे तथा सभी संस्थानों को अपने मानक ऊंचे करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। एनईपी-2020 के दृष्टिकोण को दोहराते हुए उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2035 तक सभी संबद्ध कॉलेजों को स्वायत्त डिग्री प्रदान करने वाले संस्थान बनना है, इसलिए अभी से गुणवत्ता, अवसंरचना और शैक्षणिक उत्कृष्टता बढ़ाने की दिशा में सक्रिय प्रयास करने होंगे।
