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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और हंगरी के विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 24 नवम्बर। हरियाणा के जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने हंगरी के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशालाओं के आयोजन का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य भारत और हंगरी के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को मजबूत करना है।
यह निर्णय नई दिल्ली स्थित हंगरी दूतावास की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रथम सचिव डायना डैक्ज़ी के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने की तथा इसे विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामले प्रकोष्ठ तथा कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। बैठक में सभी संकायों के डीन तथा विभिन्न शिक्षण विभागों के अध्यक्ष उपस्थित रहे। बैठक का समन्वय कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट के प्राचार्य प्रो. संजीव गोयल तथा अंतरराष्ट्रीय मामले प्रकोष्ठ की निदेशक डॉ. ममता कथूरिया ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए डायना डैक्ज़ी ने हंगरी की 650 वर्षों से अधिक की समृद्ध शैक्षणिक परंपरा तथा विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान बनाने वाले उसके विशिष्ट विश्वविद्यालयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1926 में रवींद्रनाथ टैगोर की हंगरी यात्रा से प्रेरित मजबूत ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों के बीच गहन सहयोग की नींव रखते हैं।
डैक्ज़ी ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, सामग्री विज्ञान, रोबोटिक्स तथा प्राकृतिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग की हंगरी की प्रबल इच्छा व्यक्त की। इन क्षेत्रों में भारत ने विश्व स्तर पर अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ अधिक शैक्षणिक जुड़ाव का आह्वान किया तथा साझेदारी, छात्र आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं एवं फैकल्टी विकास कार्यक्रमों में दूतावास के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि हंगरी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्रणाली भारत से अत्यंत समान है, जिससे सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उभरती प्रौद्योगिकियों तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली में संयुक्त अनुसंधान के साथ-साथ छात्र एवं फैकल्टी आदान-प्रदान कार्यक्रमों में गहरी रुचि व्यक्त की।
बैठक निकट भविष्य में संयुक्त सम्मेलन, कार्यशालाएं तथा शार्ट टर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्णय के साथ सम्पन्न हुई।
बाद में डायना डैक्ज़ी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाओं का भ्रमण किया, जिनमें मीडिया स्टूडियो, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैब, रॉयल फील्ड, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट कार्यालय तथा इनक्यूबेशन सेंटर शामिल हैं।

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