Gurugram Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 2 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा महावीर सिंह ने फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी कम मंडल कमिश्नर रोहतक के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने स्कूलों के हित में लिखा था कि स्कूल प्रबंधक फार्म 6 में दर्शाई गई ट्यूशन फीस के आधार पर फीस ले सकते हैं। उन्होंने 1 जून को पत्र निकाल कर चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद सहित सभी मंडल कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारी व डीसी को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि पूर्व में जो आदेश शिक्षा विभाग ने फीस के संबंध में निकाले गए हैं उनका सख्ती से पालन कराया जाए जो स्कूल प्रबंधन पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए उच्च अधिकारियों को लिखा जाए। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि जैसे ही मंच को पता चला कि रोहतक मंडल के कमिश्नर व चेयरमैन एफएफआरसी डी. सुरेश ने स्कूलों के दवाब में और उनके हित में 29 मई को आर्डर निकाला है कि स्कूल प्रबंधक फार्म 6 में दर्शाई गई बड़ी हुई ट्यूशन फीस ले सकते हैं। मंच की ओर से तुरंत इसकी शिकायत अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा महावीर सिंह से की गई जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने 1 जून को ऐसे आदेश को बदलते हुए सभी चेयरमैन एफएफआरसी, जिला शिक्षा अधिकारी व उपायुक्त को स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया है कि शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में निकाले दिशा निर्देशों कि स्कूल प्रबंधक बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस जो 2019 में थी उसी में ट्यूशन फीस लें, ट्यूशन फीस में किसी भी प्रकार का अन्य चार्ज ना जोड़ें इसके अलावा किताब, कॉपी बर्दी ना बदलें। जो अभिभावक आर्थिक कारणों से अप्रैल-मई की फीस नहीं दे सकते हैं उनसे आगे की फीस में किस्तों पर फीस लें। पर किसी भी स्थिति में छात्र की ऑनलाइन क्लास न रोके और ना उनका नाम काटें। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा, जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मंच ने एफएफआरसी फरीदाबाद की कार्यशैली और फरीदाबाद में कई स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, फीस में कई फंडों को जोड़ देने और किताबों को बदलने, 6 महीने पहले नए दाखिलों में ली गई एडवांस फीस के रूप में कमाए गए करोड़ों रुपए, स्कूल के फंड को अन्य जगह ट्रांसफर करने आदि की भी शिकायत अतिरिक्त मुख्य सचिव से की है। जिस पर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। मंच ने उन्हें बताया है कि जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद ने 14 मई को ही चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद को लिखकर कह दिया था कि स्कूल प्रबंधकों पर उनके नोटिसो का कोई भी असर नहीं हुआ है और वे मनमानी कर रहे हैं अतः एफआरसी अपने स्तर पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे लेकिन चेयरमैन एफएफआरसी में 11 दिन बाद 25 मई को मनमानी कर रहे स्कूल प्रबंधकों के पास नोटिस भेजा जिसकी भाषा शैली पूरी तरह से स्कूल प्रबंधकों के हित में थी। इतना ही नहीं एफएफआरसी के नोटिस का ग्रैंड कोलंबस स्कूल के प्रबंधक ने जवाब देते हुए कहा कि उनका स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों के विपरीत जो फार्म 6 में बढ़ी हुई ट्यूशन फीस दर्शाई गई है उसी पर वह फीस ले रहे हैं और उन्होंने किताब भी बदल दी है। उनका स्कूल सिर्फ हाईकोर्ट के आदेश को मानेगा।इस स्कूल के इस निरंकुश जवाब पर मंच की ओर से नाराजगी प्रकट करते हुए और इस स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए चेयरमैन एफएफआरसी को तुरंत पत्र लिखा गया। लेकिन आज तक इस स्कूल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। मंच की ओर से यह भी बताया गया कि मॉडर्न डीपीएस, एपीजे, डीपीएस 19 व 81 मानव रचना, अग्रवाल व दयानंद स्कूल डीएवी 49, आदि स्कूलों द्वारा अभिभावकों को रोजाना नोटिस भेजकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस में ही फीस जमा कराने को कहा जा रहा है और कई स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई भी बंद कर दी
है। प्री नर्सरी, नर्सरी, केजी कक्षा में नया दाखिला लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से दाखिला फीस के साथ साथ 6 महीने पहले ही अप्रैल मई-जून की फीस वसूली गई है उसको जायज ठहराने के लिए ढाई साल से 5 साल के इन नन्हे-मुन्ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई व होमवर्क देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस पर तुरंत रोक लगाई जाए। और जिन अभिभावकों से अप्रैल मई-जून की फीस एडवांस में ले ली गई है उसे वापस कराया जाए या आगे एडजस्ट कराए जाए। इस पर भी चेयरमैन एफएफआरसी ने अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि जिन अभिभावकों ने अपने स्कूल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री ,चेयरमैन एफएफआरसी व सीबीएसई जिला शिक्षा अधिकारी व डीसी से की है उस शिकायत की एक प्रति तुरंत मंच को उपलब्ध कराएं जिसे अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा महावीर सिंह को भेजकर मनमानी कर रहे स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए निवेदन किया जा सके। कैलाश शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि वे एकजुट और जागरूक होकर स्कूलों की मनमानी का विरोध जारी रखें और मंच को स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का सबूत और स्कूल प्रबंधकों द्वारा पिछले 5 सालों में बढ़ाई गई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों के ब्यौरा का टेबल बनाकर मंच को शीघ्र उपलब्ध कराएं ।जिसे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव की जानकारी में लाया जा सके और जरूरत हुई तो उसे हाई कोर्ट के संज्ञान में भी लाया जा सके।