New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 21 अप्रैल भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बना ली है। इनमें सात महिला और एक पुरुष मुक्केबाज शामिल हैं।
सभी 7 भारतीय महिला मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई और वे स्वर्ण पदक पर कब्जा करना चाहेंगी।
दिन के पहले मुकाबले में गितिका (48 किग्रा) ने इटली की एरिका प्रिस्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जहां अब उनका सामना पोलैंड की नतालिया डोमिनिका से होगा।
एक अन्य मुकाबले में साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की। मणिपुर की बॉक्सर ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। फाइनल में अब वह गुरुवार को रूस की वेलेरिया लिंकोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी।
पूनम (57 किग्रा) ने अपने अजेय रहने के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए उज्बेकिस्तान की सिटोरा टेर्डिबेकोवा को 5-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में अब उनके सामने फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी की चुनौती होगी।
विंका (60 किग्रा) ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गजदोवा पर 4-1 से जीत दर्ज की। गोल्ड मेडल बाउट में अब वह कजाकिस्तान की झुलडीज़ श्याखेतोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। राजस्थान की अरुंधति चौधरी (69 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की खादीचोबोनू अब्दुल्लाएवा को 5-0 से आसानी से हराते हुए फाइनल में पोलैंड की बरबरा मार्सिंकोव्स्का से भिड़ना का रास्ता साफ किया।
75 किलोग्राम मिडिलवेट सेमीफाइनल मुकाबले में, सनमचा चानू को पोलैंड की स्थानीय मुक्केबाज डारिया पारडा के खिलाफ कुछ शुरुआती चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी की रणनीति का आकलन करने के बाद, चानू ने अंतिम दो राउंड में जोरदार वापसी की और 4-1 से मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया। चानू अब स्वर्ण पदक के लिए कजाकिस्तान की दाना दीया से भिड़ेंगी।
एक अन्य स्टार मुक्केबाज, अल्फिया पठान (81 किग्रा) को भी पोलैंड की ओलिविया टोबोरेक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने ऑल-आउट हमला किया और अगले राउंड में भी अपने हमले जारी रखते रखा और एक कड़े मुकाबले में 3-2 के निर्णय से मुकाबला जीत लिया। फाइनल में अब अल्फिया का सामना मोल्दोवा की डारिया कोज़ोरव से होगा।
पुरुषों के मुकाबले में सचिन (56 किग्रा) फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने 2018 यूरोपीय जूनियर चैंपियन इटली के मिशेल बाल्डसी को 5-0 से हराया। फाइनल में अब सचिन का सामना कजाखस्तान के यब्बोलबाट साबिर के साथ होगा।
तीन अन्य पुरुष मुक्केबाजों विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
कुल मिलाकर, भारतीय युवा मुक्केबाजी टीम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था।
सभी महिला मुक्केबाज गुरुवार को अपने अंतिम मुकाबले खेलेंगी जबकि सचिन शुक्रवार को फाइनल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगे।