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Faridabad NCR

जिला में कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में पोषण अभियान के साथ साथ प्रधानमंत्री मंत्री मातृ वंदना योजना, छोटे बच्चों को वैक्शीनेशन करवाने सहित अन्य सरकारी योजनाओं बारे किया जा रहा है लोगों को प्रेरित : डीसी विक्रम सिंह

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 04 सितम्बर। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जिला में कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में पोषण अभियान के साथ साथ प्रधान मंत्री मंत्री मातृ वंदना योजना, छोटे बच्चों को वैक्शीनेशन करवाने सहित अन्य सरकारी योजनाओं बारे लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज सोमवार को गांव  बुढैना में पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण माह के अंर्तगत महिला गोष्ठी का आयोजन किया गया। जहां जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग डॉ. मंजू श्योराण ने गोष्ठी में आई महिलाओं अन्य सभी लाभार्थियों को पोषण अभियान के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने भोजन में पोषक तत्व की अधिकता रखने के बारे में विस्तार पूर्वक  समझाया।

पोषण अभियान  के तहत की स्वास्थ्यभोजन व मोटे अनाज के व्यंजन बनाओ प्रतियोगिता आयोजन

जिला उपायुक्त  विक्रम सिंह के मार्गदर्शन पोषण अभियान के तहत  जिला फरीदाबाद में बड़े जोर शोर से महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग द्वारा सरकार की हिदायतों के अनुसार अमृत काल में पोषण अभियान के अंतर्गत मनाया जा रहा है। जहां संतुलित आहार व सही भोजन की प्रथाओ के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग सभी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व उपस्थित महिलाओं को सही पोषण देश रोशन की शपथ दिलाई।

डीसी विक्रम सिंह के दिशा-निर्देश पर पोषण अभियान के तहत कम लिंगानुपात वाले क्षेत्र में आयोजित करवाए अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी  सुनिश्चित करें। वहीं महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, सूचना जनसंपर्क भाषा एवं सास्कृतिक कार्य विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल करके आम जनता को जागरूक करने के लिए जिम्मेदारी के साथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और परियोजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन समयबद्ध पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गावों में, प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना, छोटे बच्चों को वैक्शीनेशन करवाने सहित अन्य सरकारी योजनाओं बारे अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।

क्या है पोषण अभियान:-

महिला के गर्भवती होने पर बच्चे के 1000 दिन का समय बच्चे के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है और इसी समय में बच्चे की संपूर्ण विधि हो जाती है, तो इस समय में बच्चे के खानपान का एवं साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। ताकि वे अपने स्वास्थ्य का एवं पोषण का ध्यान रखें। गोष्ठी में श्रीमती गीतिका सभरवाल ने आंगनवाड़ी के सभी बच्चों का वजन एवं माप भी लिया। विभाग की तरफ से आए हुए सभी लाभार्थियों को खान-पान की सामग्री बांटी गई।

उन्होंने कहा कि सही पोषण का अर्थ पौष्टिक आहार साफ पानी व सही भोजन प्रथाए अपनाना है। उन्होंने सभी आंगनवाडी कार्यकर्ताओ को पोषण ट्रेकर से सम्बंधित विस्तृत  जानकारी दी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर मंजु श्योरान ने आंगनवाडी केन्द्रों पर संतुलित व पोष्टिक भोजन बनाओ प्रतियोगिता के द्वारा महिलाओं को जागरूक कर सही पोषण की जानकारी दी।

इसी कड़ी में आज सोमवार वहां महिलाओं व आंगनवाडी कार्यकर्ताओ द्वारा संतुलित व पोष्टिक भोजन रेस्पी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

मां व शिशु को स्वस्थ व कुपोषण मुक्त बनाने का सन्देश घर- घर:-

गोष्ठी में मां व शिशु को स्वस्थ व कुपोषण मुक्त बनाने का सन्देश घर- घर तक पहुचाने का आह्वान किया और महिलाओं को एनीमिया व कुपोषण मुक्त रहने की जानकार दी। पोषण अभियान को शुरु करने की आवश्यकता बच्चो में शारीरिक कमजोरी नाटापन व उम्र के अनुसार  कम वजन होना की रोकथाम के लिय हुई हैं। साथ ही यह भी बताया कि संतुलित आहार हमारे स्वास्थ्य व हमे  अनीमिया मुक्त बनाने  के लिए कितना जरूरी है। मिल्लेट्स/मोटा अनाज का उपयोग कर बनाये गए और स्वादिष्ट व्यंजनों के अनेक लाभों की जानकारी भी दी गई। महिला एवं बाल विकास प्रोग्राम  अधिकारी डॉ मन्जू ने महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग व अपने विभाग के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा कि बेटा बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटियाँ भी माता-पिता और परिवार, कुटुम्ब,गांव, ब्लाक,जिला,प्रदेश और देश में हर क्षेत्र में बेटों के बराबर नाम रोशन कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नव निर्वाचित पंच व सरपंचो और शहरी क्षेत्रों में निवर्तमान कौसंलर और एनजीओ तथा आरडब्लूए के पदाधिकारियों को भागीदार बनाकर विभिन्न विभागों द्वारा सयुक्त रूप से बेटी पढाओ बेटी पढाओ अभियान, पोषण अभियान, वैक्शीनेशन और प्रधानमंत्री मातृवंदना सहित अन्य सभी स्कीम के विवरण का अधिक से अधिक लोगों की बेहतर क्रियान्वयन समयबद्ध पूरा करना सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज, एनजीओ और आरडब्लूए व सामाजिक संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों  की भूमिका सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना जनसंपर्क भाषा एवं सास्कृतिक कार्य,  जिला विकास एवं पंचायत, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी विस्तार पूर्वक बताई गई। उन्होंने आह्वान किया कि वे अपने गाँव के स्तर पर सभी परिवारों को बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत बेटियों की बेहतर परवरिश करने सहित उनके खाने पीने व अन्य मोटे अनाज के सेवन के फायदे के बारे में बताएं। वहीं गोष्ठी में स्वास्थ्य  और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न स्कीमों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। गोष्ठी में पीओ डाक्टर मंजु श्योरान सुनीता दहिया व अन्य अधिकारी उपस्थित रही।

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