Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 21 अगस्त। अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने महज़ एक साल के भीतर 100 से अधिक रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी पूरी कर एक अहम मुकाम हासिल किया है। विश्व-प्रसिद्ध Mako Robotic System की शुरुआत सितंबर 2024 में की गई थी और आज यह अस्पताल फरीदाबाद का पहला मेडिकल सेंटर बन गया है जो टोटल नी, पार्टियल नी और टोटल हिप रिप्लेसमेंट जैसी अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक प्रदान करता है।
पिछले छह दशकों में जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने लंबा सफर तय किया है—साधारण इम्प्लांट डिज़ाइन से लेकर 1990 के दशक की कंप्यूटर-असिस्टेड सर्जरी तक, और अब रोबोटिक्स जिसने पूरी दुनिया में नया स्वर्णिम मानक स्थापित किया है। अमृता हॉस्पिटल द्वारा लाई गई Mako तकनीक ने कम समय में ही फरीदाबाद की आर्थोपेडिक सर्जरी को नई दिशा दी है।
इस कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं डॉ. साहिल गाबा, हेड ऑफ आर्थ्रोप्लास्टी और रोबोटिक सर्जरी, जो भारत के पहले आर्थोपेडिक सर्जन हैं जिन्होंने यूके से रोबोटिक हिप और नी सर्जरी में फ़ेलोशिप पूरी की है। उनकी विशेषज्ञता के चलते अस्पताल ने न सिर्फ यह तकनीक शुरू की, बल्कि फरीदाबाद में पहली बार Mako रोबोटिक-असिस्टेड नी और हिप रिप्लेसमेंट भी किया।
डॉ. गाबा ने कहा, “रोबोटिक्स जॉइंट रिप्लेसमेंट में गेम-चेंजर है। Mako सिस्टम हर मरीज की बॉडी एनाटॉमी के अनुसार सर्जरी को कस्टमाइज़ करता है। इससे लिगामेंट बैलेंसिंग में सटीकता मिलती है और रिज़ल्ट ऐसा होता है कि नया जोड़ प्राकृतिक लगता है—दर्द कम, मूवमेंट तेज़ और जीवन में जल्दी वापसी।”
अंतरराष्ट्रीय शोध से साबित फायदे:
• सर्जरी में अत्यधिक शुद्धता और बोन कट की सटीकता
• न्यूनतम टिश्यू डैमेज और बेहतर डिफॉर्मिटी करेक्शन
• कम दर्द और सूजन
• कुछ ही दिनों में सहारे के बिना चलना संभव
• लिगामेंट बैलेंसिंग के कारण अधिक नैचुरल जॉइंट फंक्शन
74 वर्षीय सुरेंद्र पाल लांबा, फरीदाबाद निवासी, ने अपने अनुभव साझा किए:
“सर्जरी से पहले थोड़ी दूरी चलना भी मुश्किल था। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही मैं बिना सहारे चलने लगा। ऐसा लगता है जैसे मैंने अपनी आज़ादी और जीवन वापस पा लिया हो।”
इस उपलब्धि के साथ अमृता हॉस्पिटल ने साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ टेक्नोलॉजी में, बल्कि मरीजों को किफ़ायती और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने में भी अग्रणी है।