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Faridabad NCR

वायलिन वादक डॉ. मैसूर मंजूनाथ के साथ एक शाम, एनपीटीआई में वायलिन, मृदंग और घाटम की जमकर हुई जुगलबंदी, मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : स्पिक मैके के बैनर तले प्रसिद्ध वायलिन वादक भारत सरकार द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित डॉ. मैसूर मंजूनाथ एवं सुमंत मंजूनाथ ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) कॉरपोरेट कार्यालय सेक्टर 33 में मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी। एनपीटीआई की महानिदेशक डा. तृप्ता ठाकुर के दिशानिर्देश पर विद्यार्थियों और ट्रेनिंग करने वाले प्रतिभागियों के लिए समय-समय पर भारतीय संस्कृति से जुडे हुए संगीत कर प्रस्तुतियां होती रहती हैं। इसका उद्देश्य सभी को भारतीय संस्कृति से जुडे हुए प्राचीन संगीत से अवगत करना है। इस कडी में शुक्रवार की शाम प्रसिद्ध वायलिन वादक डॉ. मैसूर मंजूनाथ एवं सुमंत मंजूनाथ के नाम रही। मंजूनाथ ने कार्यक्रम का आगाज राग वृंदावनी से किया औैर फिर इसके बाद एक के बाद एक बेहतरीन राग छेडे़ जिन्हें सुनकर दर्शक तालियां बजाने पर मजबूर हो गए। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत सबसे प्राचीन एवं अध्यात्म वह मेडिटेशन से जुड़ा संगीत है। जो हमें सदाचार और आनंद प्रदान करता है। मृदंग पर शंकर रमन और घाटम वादक पर वरुण राजशेखरन ने साथ दिया। इस दौरान वायलिन, मृदंग और घाटम की जमकर जुगलबंदी देखने को मिली।
अद्भुत प्रतिभा के धनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित वायलिन वादक डॉ. मंजूनाथ, विद्वान महादेवप्पा के पुत्र और शिष्य हैं। जो आज विश्व स्तरीय वायलिन वादक और भारतीय शास्त्रीय संगीत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उभरने के लिए जल्दी ही परिपक्व हो गए। अपनी असाधारण संगीत प्रतिभा और तकनीकी कौशल से दर्शकों और आलोचकों को लुभाने वाले डॉ. मंजूनाथ एक स्टार कलाकार के रूप में दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। डॉ. मंजूनाथ संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संगठनों में से एक है।

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