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Faridabad NCR

एशिया की सबसे बडी आईटी सिटी ग्रुरूग्राम हुआ बाढ ग्रस्त, खटटर सरकार है मस्त : डा सुशील गुप्ता

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New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 19 जुलाई। मानसून की बारिश से भले ही किसानों को बुआई और लोगों को गर्मी से राहत मिली गई हो। मगर दूसरी तरफ हरियाणा में शहर से लेकर गांवों, अपाटमेंट तक बारिश के पानी से नंदियों वाला हाॅल हो गया है, जिसके कारण लोग अपने घरों में बंधक बनकर बैठे है। यह हाल मुख्यमंत्री के उस शहर का भी है, जिसको वह अपना सर्वाधिक प्रिय और कमाउं पुत्र कहे जाने वाले शहर गुरूग्राम का। यह कहना है आमद आदमी पार्टी के सांसद व पार्टी के सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता का।
डा गुप्ता ने कहा कि गुरूग्राम के अलावा हरियाणा का कोई ऐसा भी शहर व गांव नहीं, जिसकी हालत एक बाढ ग्रस्त शहर जैसी ना हो। प्रदेश का आईटी शहर कहलाने वाले गुरूग्राम में लोगांे ने करोड रूपये देकर मकान और आफिस बनाए हुए है। लेकिन उनकी भी हालत बढागस्त शहर के रूप में हो गई है।
उन्होंने कहा कि सरकारी ही नहीं,बल्कि अपाटमेंटों की पार्किंगं मंे भी बारिश का पानी 2 से 3 फीट तक भरा पडा है। जिस कारण महंगी कारों के भीतर पानी भर गया है। अपाटमेंट व सडक तक बारिश के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि एक सप्ताह पूर्व ही मौसम की पहली बारिश ने भी हरियाणा सरकार के प्रशासन की पोल खोल कर रख दी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। अब हालत यह है कि लोग अपने घरों में बंधक बन कर बैठे हुए है। लोग बारिश से तो खुश दिखाई दिए, मगर अपने घरों तक पहुंचने में लगे कई घंटों के जाम से भी गुजरना  पड रहा है। प्रदेश के हाईवे का तो बुरा ही हाल है,लोग अपनी गाडियों से 10 मिनट का रास्त 1-1 घंटे मे पूरा कर रहे है। दूसरा उनका यह डर भी सताने लगा है कि कहां सडक तो नहीं धंस जायेगी। ऐसी शिकायते भी सुनने में आ रही है, बाजारों का तो ऐसा हाल है कि उसके बारें में कहने के लिए शब्द ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह जनता के पैसों की बर्बादी को दर्शाता है। इस एक बडे भ्रष्टृाचार की बू आ रही है। क्योंकि सरकार ने करोडो खर्च कर हाईवे तथा अन्य सडके बना डाली, मगर पानी निकासी का इंतजाम नहीं किया। यह पूरी तरह से सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि बरसाती पानी की निकासी के लिए विभिन्न जिलों में 92 ड्रेन हैं और बरसाती पानी लिफ्ट करने के लिए करीब 104 डीजल व 109 बिजली के पंप हैं। लेकिन वह ना के बराबर ही काम कर रहें है। यह पैसो की बर्बादी नहीं तो और क्या है।
हरियाणा सहप्रभारी डा गुप्ता ने कहा कि बारिश पानी के निकासी का कार्य केवल और केवल कागजों में किया गया है,इसकी जांच की जानी चाहिए।

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