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Faridabad NCR

गजब की सुरलहरियां छेड़ते हैं अवॉर्डी ताज अहमद के वाद्य यंत्र, वृंदावन, मुंबई, पंजाब सहित विदेशों में वाद्य यंत्रों की धूम

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 18 फरवरी। अक्सर कहा जाता है कि जब मन शांत होता है तो मनुष्य की कार्यक्षमता में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है। मन को शांत करने में संगीत का बहुत बड़ा योगदान होता है। आप भी अपनी कार्यक्षमता में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो 36 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में राष्ट्रीय स्तर पर वाद्य यंत्रों में नाम कमा चुके ताज अहमद की स्टॉल पर चले आइए, यहां छोटे रूप में एक से एक बेहतरीन वाद्य यंत्र उपलब्ध हैं।
दिल्ली के रहने वाले ताज अहमद पारंपरिक वाद्य यंत्र बनाने में माहिर हैं और वे अपने दादा हिदायद सैन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वाद्य यंत्रों का कारोबार कर रहे हैं। इनके स्टॉल पर छोटे और बड़े वाद्य यंत्र उपलब्ध हैं। उनके वाद्य यंत्रों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से नई पहचान मिली है, जिसके चलते सरकार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड से पुरस्कृत किया जा चुका है।
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संगीत यंत्र बनाने में सुर और ताल की जानकारी जरूरी
उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी कलाकारी है, जिसमें इस तरह के संगीत यंत्र बनाने वाले को सुर और ताल की संपूर्ण जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। यंत्र तो कोई भी बना सकता है, लेकिन उनके सुरों को साधने का कार्य केवल संगीत का जानकार ही कर सकता है। उनके ईकतारा सहित अन्य वाद्य यंत्रों की वृंदावन, मुंबई, दिल्ली, पंजाब के अलावा कई देशों में भी अच्छी खासी डिमांड है।
मेला में ताज की स्टॉल पर 350 प्रकार के वाद्य यंत्रों की भरमार
ताज की स्टॉल पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी इन यंत्रों की खरीदारी बड़े चाव से कर रहे हैं। उनके वाद्य यंत्रों के दीवाने कलाकार ताज अहमद की स्टॉल पर बर्बस ही चले आते हैं। उनकी स्टॉल पर हारमोनियम, तबला, ढपली, ढोलक, खड़ताल, बांसुरी, नपीरी, सीटी, झुनझुना, शहनाई, पोंगो, बिगुल सहित संगीत विधाओ के सभी यंत्र मौजूद हैं। उनका कहना है कि कला और हुनर को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय मेला से उन्हें बहुत लाभ मिल रहा है।

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