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आयुष्मान भारत ने एक और मरीज का पैर कटने से बचाया, यूनिवर्सल अस्पताल ने किया सफल इलाज

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 27 अगस्त। भारत सरकार की स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत ने एक और गरीब मरीज का पैर कटने से बचा लिया, जिसका यूनिवर्सल अस्पताल द्वारा सफल इलाज किया गया।
जानकारी के अनुसार पलवल निवासी जयपाल सिंह जिसके पैर की रक्तवाहिनी 100 प्रतिशत बंद हो गई थी, जिसकी वजह से दोनों पैरों के अंदर खून का बहाव बिलकुल नहीं हो रहा था। मरीज 10 मिनट भी नहीं चल पाता था और उसके पैरों में भयंकर दर्द होता था। मरीज ने कई अस्पतालों में संपर्क किया तो उसे  बताया गया कि पैर की नस 100 प्रतिशत बंद है जिसका इलाज संभव नहीं है। दवाइयों से इलाज करने के लिए कहा गया परंतु मरीज को आराम नहीं आया और धीरे धीरे मरीज का पैर आगे से काला पड़ने लगा। इसके बाद वह एम्स (ऑल इंडिया मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट) अस्पताल गया, वहाँ भी उसे पैर काटने की सलाह दी गई। इसके बाद मरीज यूनिवर्सल अस्पताल में डॉ. शैलेष जैन से मिला। अस्पताल में उसकी एंजियोग्राफी की तो पाया कि उसके पैर की नस पूरी तरह से बंद है परन्तु पैरों की नस आगे धीरे-धीरे बनने की कोशिश कर रही थी, इस पर मरीज को बाइपास सर्जरी का ऑप्शन सुझाया गया। बाइपास सर्जरी के अंदर अमूमन लाख से डेढ़ लाख रुपए खर्चा आता है। चूंकि मरीज बहुत गरीब है और उसके पास भारत सरकार की स्वास्थ्य सेवा आयुष्मान भारत का कार्ड था तो उसका ऑपरेशन इस स्वास्थ्य योजना के तहत किया गया और मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। उसकी गर्दन के पास से एक नई नस निकालकर पैर से जोड़ी गई और पैर के अंदर खून का बहाव शुरू किया गया। अब मरीज आराम से 500 मीटर तक चल पा रहा है और धीरे-धीरे उसका जो चलने का डिस्टेंस और बढ़ता चला जाएगा। ऑपरेशन में डॉ. शैलेष जैन, डॉ. राहुल जिंदल, डॉ. पवन व डॉ. कंवरपाल मुख्य रूप से शामिल रहे। यूनिवर्सल अस्पताल में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना और दिल्ली आरोग्य योजना के तहत जो सेवाएं गरीब मरीजों के लिए शुरू की गई हैं उन सभी का संपूर्ण इलाज किया जाता है। यूनिवर्सल अस्पताल में दिल की बीमारियों के सभी इलाज जैसे एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध है।
अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रीति अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में शीघ्र ही 64 स्लाइस सीटी मशीन की सुविधा शुरू होने वाली है। अस्पताल में सभी तरीके की सुविधाएं चाहे दिमाग, हार्ट व घुटने का ऑपरेशन हो, की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में 14 बेडस की आधुनिक एनआईसीयू उपलब्ध है और शीघ्र ही आईवीएफ की सुविधा भी शुरू होने वाली है।

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