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हेपेटाइटिस को लेकर रहें अधिक सतर्क : डॉ. पुनीत सिंगला

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : हर साल हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 28 जुलाई को ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ मनाया जाता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. पुनीत सिंगला ने बताया कि लिवर की कोशिकाओं (सेल्स) में सूजन हो जाने को हेपेटाइटिस कहते हैं। वायरल हेपेटाइटिस इसका सबसे आम कारण है। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन व पानी पीने के कारण होता है। बारिश के दिनों में इसका खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी क्रोनिक बीमारी होती है और इसका खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो संक्रमित लोगों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं। संक्रमित खून के ट्रांसफ्यूज़न, इन्फेक्टेड नीडल के इस्तेमाल, ड्रग एडिक्ट यानि दवाओं का अधिक सेवन करने वाले लोगों में भी हेपेटाइटिस बी और सी का खतरा बढ़ सकता है। शराब के सेवन और मोटापा के कारण भी हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस बच्चे, बूढ़े, जवान सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। महीने में लिवर ट्रांसप्लांट ओपीडी में लगभग 100 मरीज हेपेटाइटिस की समस्या के साथ आते हैं जिनमें 1-2 प्रतिशत लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। 20-50 वर्ष के मरीजों में हेपेटाइटिस के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं।

लक्षणों की न करें अनदेखी:

कमजोरी महसूस होना, बुखार होना, जौंडिस होना, ऑंखें पीली होना, पेशाब पीला आना आदि लक्षणों को नज़रंदाज न करें क्योंकि ये लक्षण लिवर रोग की ओर इशारा करते हैं।

इलाज:

हेपेटाइटिस रोग का पता करने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड किया जाता है। रोग की स्थिति के आधार पर शुरुआत में मरीज को दवाइयां दी जाती हैं। हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है जिसे बच्चों में लगाना शुरू कर दिया गया है। अगर किसी को वैक्सीन न लगने की वजह से इन्फेक्शन हो गया तो इसे एंटीवायरल दवाओं से ठीक से नियंत्रित किया जा सकता है। साल में एक बार रूटीन हेल्थ चेकअप लिवर फंक्शन टेस्ट जरूर कराना चाहिए ताकि बीमारी का समय रहते पता चल जाए और इसका प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके। बहुत ही कम लोगों को इमरजेंसी ट्रांसप्लांट या रूटीन ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर मरीज दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं।

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:

· संक्रमित इंजेक्शन, नीडल के इस्तेमाल से बचें

· अच्छा टेस्टेड ब्लड ही चढ़ाना जाना चाहिए

· ब्लेड, रेजर किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर न करें

· हमेशा स्वच्छ एवं संतुलित आहार का सेवन करें, स्वच्छ पानी पिएं, खाना खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए

· हेपेटाइटिस बी वैक्सीनेशन देश के इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम का हिस्सा है और सभी बच्चों को दिया जा रहा है

· दूषित भोजन न खाएं क्योंकि बारिश का मौसम है तो इन्फेक्शन फैलने का जोखिम ज्यादा है

· संक्रमित लोगों के साथ असुरक्षित यौन संबंध से बचें

· शराब का सेवन न करें

· नियमित व्यायाम द्वारा वजन को नियंत्रित करें

· अत्यधिक दवाइयों के सेवन से बचें क्योंकि इससे आपके लिवर को नुकसान पहुँच सकता है

· अगर किसी को हेपेटाइटिस ए या जौंडिस है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें ताकि समय पर इसका डायग्नोसिस हो सके और ठीक से इलाज किया जा सके और परिवार के बाकि लोग भी उस इन्फेक्शन से बच सकें

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