Chandigarh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है.जिसमें न्यायालय की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि किसी भी गाड़ी के ऊपर गाड़ी सवार या अन्य का किसी भी तरह का चिन्ह नहीं दर्शाया जा सकेगा। अब गाड़ियों के ऊपर एडवोकेट, हाइकोर्ट, डॉक्टर, अध्यक्ष, प्रेस जैसे शब्दों के स्टिकर का इस्तेमाल करना जुर्म होगा। पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय की तरफ से एक मामले की सुनवाई के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट में एक बड़ा फैसला सुनाया है.सीनियर वकील पंकज जैन ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह गाड़ियों के ऊपर अमूमन देखने को मिलता है कि प्रेस, डॉक्टर, एडवोकेट, हाई कोर्ट, जस्टिस, चेयरमैन, अध्यक्ष जैसे स्टिकर जो लगाए जाते हैं। वह अब नहीं लगाए जा सकेंगे और अगर लगाए जाते हैं तो उन पर मोटर व्हीकल एक्ट के कानून के तहत करवाई होगी सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, चेयरमैन, डाइरेक्टर, एडवोकेट, सीए, प्रेस, पुलिस, डॉक्टर, आर्मी, भारत सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार या किसी राजनितिक पार्टी का नाम या फिर झंडी लगा कर चलने वाले “सब फाडे जाएंगे” क्योकि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इसे गैरकानूनी करार दिया है और ट्रैफिक रूल्स का उलंघन बताते हुए पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए है, अब सिर्फ एम्बुलेंस,फायरब्रिगेड और आपात सेवाओं में लगे वाहनों पर ही लिखा जा सकेगा और अगर किसी वाहन में बीमार व्यक्ति को लेजाया जा रहा है तो उस वाहन को एम्बुलेंस की श्रेणी में माना जाएगा। किसी संस्था,सोसाइटी क्लब की पार्किंग या एंट्री स्टिकर लगाने की अनुमति रहेगी, जस्टिस राजिव शर्मा पर आधारित बैंच ने ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर चलरहे मामले की सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किये और सबसे पहले सुनवाई कर रहे जस्टिस राजिव शर्मा ने अपने ड्राइवर को बुला कर सबसे पहले अपनी सरकारी गाड़ी में लिखा हाईकोर्ट मिटाने को कहा।