Faridabad NCR
साहुपुरा हत्या कांड में बसपा ने पीडित परिवार के लिए मांगे 1 करोड और नौकरी
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : गांव साहुपुरा में हुए परसराम बाल्मीकि हत्याकांड के पीडित परिवारजनों को न्याय दिलाने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने सडक पर उतरने की चेतावनी दी है। रविवार को गांव के सामुदायिक भवन में हुई बहुजन समाज की महापंचायत में बसपा के हरियाणा प्रभारी डॉ. महेश कुमार ने भाजपा सरकार और जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा यदि 3 दिन में हत्यारोपियों को जेल और पीडित परिवार के बच्चों को 20 लाख प्रति बच्चे के हिसाब से 1 करोड 20 लाख और परसराम की पत्नी को सरकारी नौकरी नहीं दी गई, तो बहुजन समाज पार्टी चुप नहीं बैठेगी। उन्होने कहा महापंचायत 3 दिन बाद जो भी फैसला लेगी, उसके हिसाब से आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। महापंचायत में बसपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक संदीप बाल्मीकि ने पीडितों को सांत्वना दी। बसपा हरियाणा महासचिव डॉ. श्यामलाल, एडवोकेट नेतराम, आर.एस. गौतम, जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी, सुरेन्द्र वशिष्ठ, करनाल से बसपा कार्यकर्ता सतीश बाल्मीकि, बीवीएफ कमांडर विजय दुधौला, सुरेन्द्र यादव सहित गांव के सैकडों लोग मौजूद थे।
हरियाणा बसपा प्रभारी ने मनुवादी मानसिकता के लोगों पर प्रहार करते हुए कहा हरियाणा में ही नहीं पूरे भारत में बहुजन समाज के लोगों पर अत्याचार हो रहे हंै। जो लोग एक कमजोर आदमी को घेर कर मारते हैं, वो दबंग नहीं बल्कि कायर हैं। वो लोग दिमांगी बीमार हैं, और उनकी इन हरकतों को सहन नहीं किया जाएगा। हरियाणा में पहले कांग्रेस और भाजपा की सरकार में लगातार बहुजन समाज के लोगों के घर जलाए जा रहे हैं, उनको मौत के घाट उतारा जा रहा है। जबकि क्षेत्र के विधायक, सांसद और सरकार के मंत्री चुप बैठे तमाशा देखते हैं। उन्होने कहा मिर्चपुर कांड, सुनपेढ कांड, रमन बाल्मीकि हत्याकांड, घरोडा कांड, दुलीना कांड, गोहाना कांड, सहारनपुर कांड जैसे न जाने कितने कांड हैं जो इन मनुवादियों ने कराएं हैं, और पुलिस और सरकार हत्यारोंपियों को बचाने में लगी रही। उन्होने कहा साहुपुरा हत्याकांड भी इसी जातिवादी सोच से ग्रस्त लोगों द्वारा किया गया जघन्य अपराध है जिसे बसपा सहन नहीं करेगी और पीडित परिवार के लिए न्याय की लडाई लडेगी। उन्होने कहा अब पूरे देश का बहुजन समाज यह बात जान चुका है कि उनके हक अधिकारों की रक्षा करने के लिए सहाब कांशीराम द्वारा बनाई गई बसपा पार्टी पूरे जोर के साथ मैदान में डटी है। जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में बहन मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही अत्याचारी राक्षस लोग चूहे की तरह बिलों में घुस गए थे। ठीक इसी प्रकार जब पूरे देश में बसपा का शासन होगा, तब इन आताताईयों को सबक सिखाया जाएगा। उन्होने कहा बसपा सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाए की नीति पर काम करती है। इसलिए सभी धर्म जातियों के लोगों को समानता का दर्जा देती है। बसपा को बाबा साहेब द्वारा बनाए गए संविधान पर भरोसा है, और संविधान से ही देश में समानता और भाईचारा कायम किया जा सकता है।
महापंचायत में बसपा नेता संदीप बाल्मीकि ने परसराम की हत्या का कडा विरोध जताते हुए कहा यह अत्याचार तब तक नहीं रूकेंगे। जब तक पूरा बहुजन सामज एक होकर अपना राज स्थापित नहीं करेगा। उन्होने कहा जिसका राज नहीं होता वो कमजोर होता है और अत्याचार कमजोरों पर ही होते हैं। संदीप ने कहा बाल्मीकि समाज कमजोर नहीं भटका हुआ है, और जिस दिन यह समाज सहाब कांशीराम की विचारधारा पर चल पडा उस दिन यह मनुवादी ढेर हो जाएंगे। उन्होने उन्होने कहा आज जो लोग नई-नई पाॢटयां बनाकर बहुजन समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, उनसे हमें सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे लोग चुनाव में आपके वोट को बेचने के लिए आएंगे और, चुपके से मनुवादियों के साथ समझौता कर लेंगे। यह सब पहले भी इस देश में होता रहा है। लोग राजनीति में बाबा साहेब और बहुजन महापुरूषों का नाम लेकर जनता के बीच आते हैं, और भीड जुटाकर बहुजनों की वोट हांसिल करके कांग्रेस-भाजपा की गोदी में जा बैठते हैं। यह लोग बाबा साहेब और साहेब कांशीराम के मिशन को तोडने का काम कर रहे हैं। महापंचायत में मच संचालन सरदार उपकार सिंह ने किया। महापंचायत में मौजूद बहुजन समाज के लोगों ने पूर्ण बहुमत से कुछ प्रस्ताव पास किए जैसे बच्चों को 1 करोड 20 लाख मुआबजा और पत्नी को सरकारी नौकरी। दूसरा दिन में हत्यारोपियों को गिरफ्तार न करे पर जिला उपायुक्त और पुलिस उपायुक्त को कार्यालय में नजरबंद करना। तीसरा परिवार को पुलिस सुरक्षा, चौथा 11 सदस्यों की कमेटी जो पूरे मामले को देखेगी। महापंचायत में गांव साहुपुरा की सरपंच के पति रोबिन सिंह, लक्ष्य के कमांडर के. पी. गौतम, रमन बाल्मीकि के भाई दिलीप कंडेरा, देवीदयाल सैनी, मेहरचंद बैनीवाल, रोहताश सरपंच, बलदेव सरपंच, पूर्व बसपा जिला अध्यक्ष रतिराम, प्रवीन गौतम, सतीश ढैकोलिया और अमर गहलौत, रामफल जांगडा, सरदार निर्मल सिंह सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे।