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आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने की लोकतंत्र और संविधान की हत्या : कृष्णपाल गुर्जर

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 25 जून। लोकतंत्र के हत्या कर लगाये गये आपातकाल के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि 25 जून, 1975 का दिन आज से 50 वर्ष पूर्व देश के इतिहास में ऐसा काला अध्‍याय के रूप में दर्ज है, जिसके बारे में सोचकर आज भी देश की आम जनता की रूह  कॉंप जाती है। 25 जून, 1975 की रात में कांग्रेस की तत्‍कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संविधान के आर्टिकल 352 के तहत पूरे देश में आपातकाल लगाया। आपातकाल यानी संविधान के अक्‍स तले ही संवधिान की ‘’हत्‍या’’ कर दी गई। लोकतंत्र के उजाले पर ग्रहण लग गया और देश के मानचित्र पर स्‍याह रात का पहरा हो गया। समाचार पत्रों पर सेंसर लग गया, विपक्ष की आवाज को खामोश कर दिया और विपक्ष के कई नेताओं को जेलों में भर दिया गया। तमाम राजनैतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं को सरकार ने कुचल दिया और संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी गईं । MISA (Maintenance and Internal Security Act) मीसा के तहत एक लाख से ज्‍यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। नागरिक अधिकार पहले ही खत्‍म कर दिए गए थे और फिर इस कानून के जरिये सुरक्षा के नाम पर लोगों को प्रताडि़त किया गया, उनकी संपत्त्यिॉं छीन ली गईं। बदलाव करके इस कानून को इतना कड़ा कर दिया गया कि न्‍यायपालिका में बंदियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं थी। बड़े नेताओं के साथ युवा नेताओं को भी जेल में डाल दिया गया। एक तरफ देश भर में सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर जुल्‍म हो रहा था, तो दूसरी तरफ संजय गांधी ने देश को आगे बढ़ाने के नाम पर पांच सूत्रीय एजेंडे परिवार नियोजन, दहेज प्रथा का खात्‍मा, वयस्‍क शिक्षा, पेड़ लगाना, जाति प्रथा का उन्‍मूलन पर काम करना शुरू कर दिया था। 21 महीने के दौरान देश भर में करीब 83 लाख लोगों को जबदस्‍ती नसबंदी करा दी गई। आज जो संविधान बचाने का ढोंग कर रहे हैं उन्होंने ही संविधान और लोकतंत्र को अपने पैरों नीचे कुचलने का काम किया। आपातकाल एक ऐसा काला अध्याय है जिसे देश की जनता कभी नहीं भूल सकती। आपातकाल के काले कारनामे के लिए देश  की जनता इन्‍हें कभी माफ नहीं करेगी।

कांग्रेस द्वारा 1975 में संविधान एवं लोकतंत्र की हत्या कर लगाये गए आपातकाल के विरोध में कन्वेंशन सेंटर सेक्टर 12 फरीदाबाद पर काला दिवस मनाया। इस अवसर पर ज़िला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा, डॉक्टर अरविंद सूद, रवि भूषण खत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता झज्जर के प्रभारी मनीष यादव, वरिष्ठ उप महापौर देवेन्द्र चौधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता टीपरचंद शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ओमप्रकाश रेक्सवाल, महापौर सुमन बाला, जिला महामंत्री सुरेन्द्र जांगड़ा और मनोज वशिष्ठ मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। भाजपा ने जनतंत्र की रक्षा और कांगेस के अलोकतांत्रिक चरित्र के खिलाफ लड़ने वाले सभी राष्ट्रसेवकों को नमन किया और आपातकाल के दौरान मीसा के तहत बंदी बनाये गए लोगों का स्वागत और सम्मान किया गया। डॉक्टर अरविंद सूद मीसा के तहत 18 महीने जेल में रहे उनका सम्मान किया गया। उनके अलावा मीसा के तहत बंदी बनाये गये रवि भूषण खत्री, रामदत्त शर्मा, रामकिशन, अजय चटर्जी, ओमप्रकाश सेतिया, श्याम कुकरेजा, रोहित कालरा, अजीत जैन के परिवार से निधि जैन को सम्मानित किया गया। डॉक्टर अरविंद सूद और रवि भूषण खत्री ने आपातकाल के समय की बैटन को साँझा करते हुए बताया  कैसे कांग्रेस ने पूरे देश को आपातकाल के स्याह अंधेरे में धकेल कर देश के संविधान की हत्या करने और देशवासियों के साथ अत्यचार करने का काम किया। न्यायपालिका, राजनैतिक, कार्यपालिका आदि सबको कुचल दिया गया। नागरिकों के अधिकार ख़त्म कर दिये।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष यादव ने कहा कि 25 जून 1975 देश के इतिहास का सबसे काला अध्याय है। कांगेस शासन में  लोकतंत्र की हत्या करने के कई उदाहरण हैं  लेकिन 25 जून के दिन लगा आपातकाल सबसे बड़ा उदाहरण है। देश का युवा भूलेगा नहीं कैसे लोकतंत्र की हत्या कर देश की जनता पर आपातकाल के दौरान यातनाएँ दी गई।

देश की सत्ता से बाहर ना होना पड़े, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 25 जून 1975 की आधी रात इंदिरा ने देश के संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर देश में इमरजेंसी लगा दी थी और रातोंरात देश के तमाम छोटे-बड़े दलों के नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हुई। सरकार के खिलाफ जनता में असंतोष था, महंगाई 20 गुना बढ़ गई थी, मायूसी और निराशा का देश में माहौल था और 352 का उपयोग कर इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया। जनसंघ के हमारे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण अडवाणी आदि नेताओं को भी जेल में डाल दिया गया था। मीडिया पर भी सेंसर लगा दिया था। आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगों को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया, जेल गये और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुज़रना पड़ा। ‘भारत की आने वाली पीढ़ियां उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद रखेंगी।’

भारतीय जनता पार्टी फरीदाबाद के जिला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा ने कांग्रेस द्वारा लगाये गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 साल पहले 25 जून 1975 को सता के लिए कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के आदेश से देश में लोकतंत्र की हत्या हुई,  भारत के संविधान संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, लोकतंत्र की हत्या कर देश में आपात काल लगाया। लोकतंत्र को कुचल कर देश में तानाशाही राजतंत्र लगाया।  मीडिया की आवाज को भी पूरी तरह दबा दिया गया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास का यह सबसे लोकतांत्रिक समय था जब सभी नागरिक अधिकारों को ख़त्म कर दिया था और चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। देश की जनता पर नसबंदी जैसे भयंकर अत्याचार किये गए थे। देश की जनता कांग्रेस के इस कुकृत्य के लिए कभी माफ़ नहीं करेगी।

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