Faridabad NCR
अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी जी का 190 वां जन्मदिवस मनाया
लाखन सिंह लोधी ने वीरांगना की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए महारानी अवंतीबाई लोधी का जन्म 16 अगस्त 1831 को मनकेड़ी मध्यप्रदेश के जागीरदार राव जुझारू सिंह लोधी परिवार में हुआ था इनका विवाह रामगढ़. मण्डला मध्य प्रदेश के युवराज विक्रमादित्य के साथ हुआ था। इनके दो पुत्र अमान सिंह और शेरसिंह थे। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांति की बागडोर अपने हाथों में लेते हुए जागीरदार, मालगुजारों सरदारों को कांच की चूडियां और पत्र भेजकर अंग्रेजों के विरूद्ध एकजुट होकर युद्ध करने में अहम भूमिका निभाते हुए कैप्टन वाडिंग्टन, लैफ्टिनेंट काकवार्न, लैफ्टिनेंट वार्टन, रीवा नरेश के साथ कई युद्ध लड़े। एक बार कैप्टन वाडिंग्टन पर पलटवार किया जिसमें वाडिंग्टन जान बचाकर भाग गया परन्तु उसका बेटा रानी के सैनिकों को मिला जिसे रानी ने अंग्रेजी कैम्प में पहुंचा दिया जिससे प्रभावित होकर वाडिंग्टन ने रानी को कृताज्ञता वस पत्र लिखा कि आप बगावत छोड़ दें। राज्य को कोई खतरा नहीं, परन्तु रानी ने वाडिंग्टन की शर्त अस्वीकार कर दी। अन्त में 18 दिनों तक देवहारगढ़ की पहाडिय़ों में छापामार युद्ध चला (जिसमें 20 मार्च 1858 को घायल होने पर रानी स्वयं आत्मबलिदान कर शहीद हो गई थी) इसका विवरण एफ आर आर रैडमैन आईसीएस ने 1912 में सम्पादित मण्डला गजेटियर में इम्पीरियल गजेटियर ऑफ इंडिया में लेखक हण्टर द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा (महिलाऐं और स्वराज) लेखक ऊषा व्योरा, भूले विसरे शहीद अन्य कई पुस्तकों में विवरण मिलता है।
इस अवसर पर लोधी राजपूत जनकल्याण समिति रजि फरीदाबाद द्वारा महारानी अवंतीबाई चौक पर पौधारोपण किया गया साथ ही समिति द्वारा अतिथियों का स्वागत और वीरांगना के जन्मदिवस के पावन पर्व पर मिष्ठान वितरण किया गया।
इस अवसर पर धर्मपाल सिंह लोधी, होती लाल लोधी, दिनेश राघव मण्डल महामंत्री डबुआ, पूरनसिंह लोधी, प्रेमपाल सिंह, शंकर लाल लोधी, नंदकिशोर, ओमप्रकाश लोधी, उदयवीर सिंह, अशोक कुमार, ओमपाल सिंह, संजीव कुमार, भाई लाल लोधी, राजू, ओम प्रकाश लोधी आदि उपस्थित रहे।