Faridabad NCR
कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनेगी वरदान : यशपाल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 24 जून। उपायुक्त यशपाल ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास और सहायता करने व सुरक्षित भविष्य देने के मकसद से शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि कहा कि कोरोना महामारी में माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों को इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी यानि इस योजना के तहत ऐसे सभी बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता या उनका पालन पोषण करने वालों को खोया है उनको हरियाणा सरकार से आर्थिक सहायता मिलेगी। उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा में नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय/निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला तथा निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आरटीई के तहत फीस, वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, इत्यादि में दाखिला, निजी स्कूल में दाखिले के लिए पीएम केयर्स से आरटीई के तहत फीस, वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा दादा-दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में रहने वाले बच्चे को निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस दिशा में हरियाणा सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है जिसके तहत 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना, बिना परिवार के बच्चों की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रतिमास 18 वर्ष तक की आयु तक, अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। इसी प्रकार 18 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान प्रतिवर्ष 12000 रुपये अन्य खर्चों के लिए भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 8वीं से 12वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को टेबलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
बॉक्स: अनाथ लड़कियों को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत मिलेगी आर्थिक सहायता
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि कोविड महामारी के कारण अनाथ हुई लड़कियों को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि बालिका के नाम पर बैंक में रखी जाएगी और विवाह के समय उन्हें ब्याज सहित पूरी राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गैर संस्थागत देखभाल में बच्चों के लिए वित्तीय सहायता और विवाह पर लड़कियों को सहायता का लाभ प्रदान करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।