Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में हरियाणा के मेवात क्षेत्र से हैरान करने वाला एक ऐसा मामला आया, जहाँ माता-पिता को शक था कि उनके बच्चे ने मुंह में कुछ लिया है लेकिन उसे खांसी आने, साँस फूलने जैसी कोई समस्या नहीं हो रही थी। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में पल्मोनरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. गुरमीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि 7 वर्षीय मोहम्मद शाद नाम के बच्चे को सबसे पहले पेट एवं लिवर रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया, जहाँ एंडोस्कोपी करने पर पेट में कुछ नहीं दिखाई दिया। छाती में कुछ होने के संदेह के चलते बच्चे की ब्रॉन्कोस्कोपी (फेफड़ों की जांच करने का एक आसान परीक्षण) की गईं जिसमें बच्चे की दाईं (राइट) तरफ की साँस की मुख्य नली के मुंह पर गोल्डन रंग की चमकदार चीज पड़ी हुई दिखाई दी। हमने जैसे ही दूरबीन की मदद से चीज को बाहर निकाल दिया तो हम सब दंग रह गए क्योंकि यह कान की बाली का तेज धारदार वाला हिस्सा था। तसल्ली करने के लिए साँस की नली में दोबारा जाने पर हमें बाली एक और तेज धारदार हिस्सा दिखाई दिया। फिर उस हिस्से को भी बहुत सावधानी से दूरबीन की मदद से बाहर निकाला। पूरी तरह जाँच के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया।
डॉ. गुरमीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि यह केस बहुत चुनौतीपूर्ण भी था क्योंकि आभूषण के पहले हिस्से के किनारे बहुत ही नुकीले थे। इस कारण बच्चे की साँस की नली में कट लगने का बहुत ज्यादा जोखिम था। साँस की नली में कट लगने पर अन्दर हवा भर सकती थी, ब्लीडिंग हो सकती थी, बच्चे के वोकल कॉर्ड को नुकसान पहुँचने के कारण आवाज जाने का जोखिम भी था। साँस की मुख्य नली में पड़े आभूषण के दूसरे हिस्से के किनारे और भी ज्यादा धारदार थे। दूसरा हिस्सा बाहर निकालने के दौरान बीच में अटक रहा था। साँस की नली को बिना नुकसान पहुंचाए इसे निकालना और भी बड़ी चुनौती थी। काफी मशक्कत के बाद आख़िरकार हमने सुरक्षित रूप से दूसरे हिस्से को भी दूरबीन की मदद से बाहर निकाल दिया। आभूषण के नुकीले हिस्सों को निकालने में मात्र 10-15 मिनट का समय लगा।
अगर ये नुकीला आभूषण नहीं निकाला जाता तो बच्चे की साँस की नली ब्लॉक हो सकती थी। आगे चलकर फिर निमोनिया बन सकता था और फेफड़ा फेल हो सकता था। फेफड़ें के लंबे समय तक फेलियर में जाने पर मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने का खतरा बढ़ सकता है। इस तरह के तेज नुकीले किनारे वाली वस्तु शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे खाने की नली, हार्ट की मसल्स और खून की नसों को भी नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए ऐसी वस्तुओं का लंबे समय तक शरीर के अन्दर पड़े रहना ठीक नहीं होता है। बच्चे की साँस की नली काफी छोटी होती है इसलिए बच्चे का ऑक्सीजन लेवल भी कम हो रहा था।
सलाह: अगर खेलने के दौरान आपके बच्चे ने कुछ मुंह में लिया है और उसे कोई समस्या नही होती है तब भी इसे नज़रंदाज न करें। बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएँ। लापरवाही करने पर बच्चे और परिवार जन के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। खासकर छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें।