Faridabad NCR
राहत कार्य में सहयोग न करके संकट के समय में राजनीति करने का विकल्प चुन रही हैं कांग्रेस पार्टी : कृष्ण पाल गुर्जर
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 21 जुलाई। भारत सरकार के ऊर्जा एवं भारी उद्योग विभाग के केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि हाल ही में उत्तर भारत में प्रकृति के कुठाराघात से हरियाणा भी अछूता नहीं रहा है। एक तरफ जहां हरियाणा के लोग और सरकार इस आपदा से निपटने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस आपदा को राजनीतिक अवसर में बदलने में लगी है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसे बाढ़ के समय जल के उफान के साथ-साथ बहुत कुछ सतह पर आते है। कांग्रेस के इस शर्मनाक कृत्य ने इनके सरकार में रहते “बाढ़ के समय की स्मृतियों को उबरने में मदद की है। उन्होंने कहा कि उस समय की विपत्ति की घड़ी में. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने नागरिकों के प्रति दिखाई गई उदासीनता, अनदेखी और सहानुभूति का अभाव आज भी यादगार है।
उन्होंने कहा कि आज, जब हम फिर से प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहे है तो कांग्रेस पार्टी की उदासीनता साफ देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बजाय कि वे राहत कार्य में सहयोग करें, वे सब संकट के समय में राजनीति करने का विकल्प चुन रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने आप को समाज व जनता पर एक भारी बोझ बना लिया है। उनकी उदासीनता और सहानुभूति का अभाव हमें याद दिलाता है कि नेतृत्व सत्ता का प्रदर्शन नहीं होता बल्कि यह एक नैतिक दायित्व है, इनको समझ नहीं आया।
इसके विपरीत, भाजपा सरकार अपने लोगों के प्रति सच्ची समर्पण भावना के साथ काम कर रही है। हमारे सार्वजनिक प्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी बाढ़ प्रभावित नागरिकों की सहायता में लगे हुए. है, उनका हाथ निरंतर राहत कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व का अर्थ है सहानुभूति, लोगों के सुख और दुःख में भाग लेने की क्षमता. और संकट की घड़ी में संघर्ष करने की योग्यता। यही ये मूल्य हैं जिनकी कांग्रेस पार्टी अनदेखा करती आई है, और यही ये मूल्य हैं जिन्हें भाजपा अपने लोगों की सेवा में समर्पित होकर अपनाते हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि अभी इसी बात को अतीत की स्मृतियों में जाकर समझते है। जब 2013 में हरियाणा को इसी तरह की बाढ़ का सामना करना पड़ा था तो उस समय कांग्रेस सरकार द्वारा बाढ़ योजना का बजट मात्र 133 करोड़ रुपया रखा गया था, और अभी हमारा यही बजट 929 करोड़ का है। उन्होंने कहा कि 2013 में यमुनानगर से पलवल बाढ़ से हुए नुकसान की मरम्मत के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा सिर्फ 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और हमारा यही खर्च 102 करोड़ रुपया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ सबसे बड़ा मजाक तो तब हुआ था, जब वर्ष 2013 में इन्होंने बाढ़ को बाढ़ ही नहीं माना, ताकि जनता का पैसा जनता को देने के लिए बाढ़ राहत घोषित न करना पड़ जाए।
उन्होंने कहा कि हमने बाढ़ राहत की घोषणा के साथ 15000 रुपये प्रति एकड़ फसल का मुआवजा दिया। इतना ही नहीं, हमने किसानों के हर छोटे नुकसान को ध्यान में रखते हुए उसका भी मुआवजा देने की घोषणा की। इसमें चाहे मकान हो, चाहे किसान का ट्यूबवेल हो, चाहे पशुपालक का गाय-भैंस, भेड़-बकरियाँ हो, चाहे इंसान की मृत्यु हो या आपदा के कारण दिव्यागता हो। यानी हर प्रकार के जान- माल के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा देने की घोषणा हमारी सरकार के द्वारा की गई है।
उन्होंने कहा कि यह भी याद दिलवाना चाहूंगा कि पूरे 10 वर्षों में कांग्रेस की सरकार ने किसानों की फसल खराबे का मुआवजा मात्र 1100 करोड़ रुपया दिया था, परन्तु इसी के विपरीत हमने अब तक लगभग 9 गुने की राशि दी है जो 9660 करोड़ रुपया है। इन्होने धारा 4 और 6 का दुरुपयोग कर किसानों की जमीन को अंधाधुंध लूटा था और बड़े बिल्डरों को भेंट में दिया था। लेकिन अब मोदी मनोहर जी की सरकार ने बिना किसानों की मर्जी के विरुद्ध एक इंच का भी भूमि अधिग्रहण या अर्जन नहीं किया है, अगर किसी विकास कार्य के लिए जरूरत पड़ी तो मार्केट रेट से भी दुगुना रेट किसानों को दिया गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि अतीत में जाकर जाए तो जब कांग्रेस को जनता ने सेवा का मौका दिया था तब उन्होंने लूटने का काम किया। आम जनता ने उन्हें हाशिये पर रखा। उन्होंने कहा कि अगर उस समय जनता के जख्मों को कुचलने की बजाए मरहम लगा देते, उनकी मदद कर देते तो आज आपकी ये हालत नहीं होती। आज वह सत्ता से बाहर है तो आपको किसानों की याद आ रही है। आज सेवा और विकास का कार्य मोदी मनोहर की सरकार कर रही है तो कांग्रेस के लोग किसान हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हो। इस विकास रथ के सामने पत्थर बनकर इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं परंतु जनता के आशीर्वाद के साथ यह विकास रथ ऐसे पत्थरों को लांघ के तीव्र गति से आगे बढ़ता रहेगा । उन्होंने कहा कि काश: कांग्रेसी मित्र वर्ष 2013 में सरकार में रहते हुए आयी हुई बाढ़ पीडितों के बीच जाकर उनके जख्मों पर मरहम लगाते और बाढ़ पीड़ितों के नुकसान की भरपाई, मुआवजा देकर करते तो आज आपको ये दिन नहीं देखने पड़ते।