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कोरोनावायरस के प्रकोप के दौरान मजदूरों एवं गरीबों की मदद का सिलसिला
New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए सरकार द्वारा घोषित 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान मुसीबत में फंसे मजदूरों और गरीबों की मदद के लिए अनेक कंपनियों और उद्योग संगठनों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। कई कंपनियां प्रधानमंत्री की ओर से गठित पीएम केयर्स फंड में डोनेशन दे रही है और साथ ही वे गरीबों, बेघर लोगों एवं मजदूरों के लिए खाने—पीने की व्यवस्था कर रही हैं।
नई दिल्ली तथा नौएडा’ गुरूग्राम और फरीदाबाद सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न भागों में शैक्षिक संस्थाएं’ स्वयंसेवी संगठन एवं कारपोरेट घराने गरीबों एवं विस्थापित परिवारों के लिए खाने–पीने की व्यवस्था करने के लिए सामने आए हैं। नौएडा एवं नई दिल्ली के कालकाजी स्थित उद्गम प्री स्कूल की ओर से नौएडा’ गुडगांव’ फरीदाबाद और नीमराना में गरीबों एवं मजदूरों को बिस्किट एवं अन्य खाद्य वस्तुओं के पैकेट वितरित किए गए।
रीचलाइट बिस्किट कंपनी, हीरो मोटोकॉर्प, उदगम स्कूल, एनआईआईटी कालेज, एमजी पॉली प्लास्ट इंडस्ट्रीज, जीडी फूड कंपनी, द वाईप हॉट वायर कंपनी, नेहा वुडलैम कंपनी, पारले स्कूल और नेक्जेन फ्लोरोपोलाइमर्स कंपनी के अलावा नीमराना इंडस्ट्रीज एसोएिशन ने नौएडा, दिल्ली, फरीदाबाद, गुडगांव में गरीबों को खाद्य पैकेट वितरित किए। इन कंपनियों की ओर से अपने घरों को पैदल जाने वाले मजदूरों को भी खाने की चीजें वितरित की गई।
उदगम स्कूल की चेयरपर्सन दीपा भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान संकट के वक्त में गरीबों व जरूरतमंद लोगों का सहयोग करने के लिए हर सक्षम कंपनियों एवं लोगों को जोर—शोर से आगे आना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कोरोनावायरस को हराने के लिए लोग अपने घरों में ही रहें।
रीचलाइट बिस्किट कंपनी के निदेशक श्री लव भाद्वाज ने लोगों से आग्रह किया कि वे एक दूसरे के सहायता करने के लिए आगे आएं एवम् गरीब मजदूरों की सहायता करें। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट की मार सबसे अधिक गरीबों और मजदूर वर्गों पर पड़ी है और उन्हें खाने—पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और ऐसे में उनकी कंपनी गरीबों की मदद के लिए हर संभव उपाय कर रही है।