Connect with us

Faridabad NCR

सूरजकुंड मेले में जुट रहे हैं शिल्पकार व कारीगर

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 मार्च। तोमर वंश के राजा अनंगपाल की धरती पर बसे  सूरजकुंड का 35 वां अंतर्राष्टï्रीय मेला धीरे-धीरे अपने शबाब पर आ रहा है। शुभारंभ होने के बाद यहां देश और विदेश के शिल्पकार, मूर्तिकार,  चित्रकार आदि अपनी-अपनी कारीगरी का सामान लेकर जुटने लगे हैं। आज आम दर्शकों के लिए मेले का पहला दिन था। मेले में अनेक दर्शक चौराहों के आसपास ढोल-नगाड़ों, बीन-बाजों  व तुंबे की थाप पर कलाकारों के साथ नाचते-गाते दिखाई दिए।
फागुन की होली तो बीते हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन लगता है कि ब्रज की होली की मस्ती अब सूरजकुंड की धरा पर आ गई है। कमी है तो केवल यहां  अबीर-गुलाल की। रंगों के बिना भी यह मेला लाल-हरे, पीले-नीले, नारंगी-संतरी आदि मनमोहक रंगों से सरोबार नजर आ रहा है। उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की, लेबनान, सूडान, ट्यूनिशिया, घाना, मोजांबिक, नेपाल आदि देशों से आए शिल्पकारों व दस्तकारों के पांडाल दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इन देशों के लोक कलाकारों की वेशभूषा भी इनका प्रकृति के  साथ जुड़ाव प्रदर्शित कर रही हैं। तीन-चार दिनों में सूरजकुंड मेला भीड़ से खचाखच भरा होगा, ऐसा अनुमान अभी से लगाया जा रहा है। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, महिलाएं और युवा… हर आयु के  लोग धूमधाम से लगाए गए इस मेले की ओर बरबस ही खींचे चले आ रहे हैं।
सूरजकुंड में आने के लिए जिला प्रशासन ने बसस्टैंड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, मेट्रो स्टेशन आदि से विशेष बसें लगाई हुई हैं। शहरी क्षेत्र में बसे लोग अपनी गाडिय़ों व गांवों के बाशिंदे इन बसों के जरिए मेला स्थल तक पहुंच रहे हैं। मेले के आयोजन में राष्टï्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम, राष्टï्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन, राष्टï्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम, कपड़ा मंत्रालय, अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण निगम, विदेश मंत्रालय आदि बाखूबी योगदान दे रहे हैं। मेले में प्रवेश के लिए दिल्ली रोड पर तीन और बडख़ल रोड पर दो द्वार बनाए गए हैं। मेले का समय दोपहर 12 बजे से रात साढ़े नौ बजे तक का निर्धारित किया गया है।

Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com