Faridabad NCR
गांजा तस्करी के मामले में फरार चल रहे ₹5000 के मोस्ट वांटेड आठवें आरोपी को 10 किलोग्राम अवैध गांजे सहित क्राइम ब्रांच 85 ने किया गिरफ्तार
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डीसीपी क्राइम मुकेश कुमार मल्होत्रा के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच 85 प्रभारी जोगिंदर सिंह की टीम ने 3 वर्ष पहले के नशा तस्करी के मुकदमे में फरार चल रहे 5 हजार के इनामी मोस्ट वांटेड आठवें आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा इस मामले में इससे पहले 7 आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम नदीम है जो हापुड़ का रहने वाला है। मार्च 2021 में पुलिस ने नशा तस्करी के मामले में सेक्टर 58 एरिया से एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिनके कब्जे से 51 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया था। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने नशा तस्करी में शामिल उनके दो अन्य साथी आरोपी राणा तथा चौड़ा के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच ने आरोपी राणा तथा चौड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके पश्चात इस मामले में सद्दाम, सलमान तथा मुबीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस आरोपी नदीम की धरपकड़ का लगातार प्रयास कर रही थी। आरोपी की धरपकड़ के लिए नदीम पर 5 हजार रुपए का नगद इनाम घोषित किया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपी नदीम को रेनॉल्ट गाड़ी में तस्करी कर ले जा रहे 10.350 किलोग्राम गांजे सहित काबू कर लिया। उस वक्त आरोपी नदीम के साथ उसका एक और साथी शाहरुख भी शामिल था। आरोपियों से जब इसके बारे में पूछताछ की गई तो वह कोई जवाब नहीं दे सके जिसके पश्चात आरोपियों को थाने लाकर उनके खिलाफ सिटी बल्लबगढ में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी नदीम को अदालत में पेश करके उन्हें 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी टैक्सी चलाने का काम करते हैं और इसकी आड़ में नशा तस्करी का काम करते हैं। आरोपी नदीम ने बताया कि वह ड्राइवरी का काम करता है और यह गांजा वह राजस्थान व उड़ीसा से सस्ते दामों पर मंगवाते थे और दिल्ली एनसीआर में इसे महंगे दामों पर बेच देते थे। पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह का मुख्य आरोपी राणा का भाई यूनुस है जो अपनी पत्नी आबिदा को नशा तस्करी में शामिल रखता था ताकि नशा तस्करी करते समय महिला के साथ होने पर कोई उनपर शक नहीं करता और वह आसानी से पुलिस की नजरों से बचकर निकल सकते थे परंतु पुलिस ने आबिदा और उसके एक साथी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। इसके पश्चात मामले में लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं और आगे भी मामले में शामिल आरोपियों की इसी प्रकार धरपकड़ जारी रहेगी।