Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय, फरीदाबाद में कोरोना महामारी में ‘योग विज्ञान द्वारा शारीरिक व् अध्यात्मिक स्वास्थ्य का सुदृढ़ीकरण’ विषय पर शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग ने विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी की शुरुआत गायत्री मंत्रोच्चारण के साथ हुई। महाविद्यालय प्रधानाचार्या डॉ. सविता भगत ने विशिष्ट वक्ताओं व् सभी प्रतिभागियों के स्वागत वक्तव्य के साथ संगोष्ठी की आधारशिला रखी। डॉ. भगत ने योग की विभिन्न अवधारणाओं पर रोशनी डालते हुए आत्म-अनुभूति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योग ध्यान साधना करने पर जोर दिया। गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार के योग विज्ञान के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार त्यागी व् पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के पतंजलि आयुर्वेद अस्पताल में योग सत्कर्म क्लिनिक एवं रिसर्च सेंटर के विभाग्याध्यक्ष डॉ. सचिन कुमार, विशिष्ट वक्ता के तौर पर इस संगोष्ठी में शामिल हुए। डॉ. प्रिया कपूर ने विशिष्ट वक्ताओं का परिचय सभी प्रतिभागियों से करवाया। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग्याध्यक्ष व् संगोष्ठी संयोजक डॉ. नरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा व् उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार जी ने महर्षि पतंजलि द्वारा वर्णित योग एवं ध्यान की सम्पूर्ण प्रक्रिया का वर्णन करते हुए जीवन में चेतना जागृत करने की महत्ता स्पष्ट की। डॉ. सचिन कुमार ने कोरोना वायरस व् श्वसन तंत्र के विषय को पहले विस्तार से समझाया। इसके बाद उन्होंने कोरोना से बचाव व् इससे उबर चुके लोगों में होने वाले पाक्षिक प्रभावों को दूर करने में योग के महत्व को बतलाया।
डी.ए.वी प्रबंधन संस्थान के सचिव श्री सत्यपाल आर्य जी ने कहा कि जीवन में योग व् योगदर्शन को समझना ही नहीं है अपितु इसका निरंतर अभ्यास करना भी बहुत जरूरी है। जीवन सफल बनाने के लिए हमें योग के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान को भी अंगीकार करना होगा और योग के जरिये ही हम सही आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। डी.ए.वी. प्रबंधन संस्थान से जुड़े श्री डी.वी सेठी ने कहा कि योग क्रियाओं के द्वारा ही मनुष्य इस कोरोना महामारी की वजह से आने वाले मानसिक तनाव से अपने आपको मुक्त कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रायाणाम अवश्य करना चाहिए। अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में योग निर्देशक के रूप में कार्यरत डॉ. सोमवीर आर्य जी भी संगोष्ठी में शामिल हुए। उन्होंने भी इस बात पर बल दिया कि योग को ना केवल जानना व् समझना जरूरी है बल्कि उसे अमल में भी लाना है। अंत में संगोष्ठी आयोजन सचिव उमेश कुमार ने सभी वक्ताओं व् प्रतिभागियों को इस संगोष्ठी का हिस्सा बनने पर उनका आभार व्यक्त किया।
इस वेबिनार का आयोजन महाविद्यालय की प्रधानाचार्या एवं संगोष्ठी संरक्षक डॉ. सविता भगत के प्रेरक दिशा निर्देशन में किया गया। डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय के सभी विभागों में कार्यरत शिक्षकों के साथ- साथ डॉ. दिव्या त्रिपाठी व् डॉ. संतोष हुडा ने भी संगोष्ठी में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। देश में विभिन्न जगहों पर स्थित गुरुकुलों व् योगाश्रमों के योग गुरु भी इस संगोष्ठी का हिस्सा रहे। देश के लगभग सभी राज्यों से संगोष्ठी में प्रतिभागी बनने के लिए जहाँ बारह सौ से ज्यादा लोगों ने अपना जूम प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करवाया वहीं दूसरी तरफ लगभग तेरह हजार लोगों ने फेसबुक पलटफोर्म के माध्यम से इसका लाइव प्रसारण देखा।