Faridabad NCR
डीसीपी ट्रफिक अमित यशवर्धन ने रेडियो मानव रचना के माध्यम से नागरिकों को यातायात नियमों, नशा के प्रति जागरुक तथा साइबर अपराध से बचने के उपाय बताए
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : डीसीपी ट्रैफिक श्री अमित यशवर्धन के द्वारा आज अपनी टीम के साथ मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में बच्चो को यातायात नियमों, नशा के प्रति जागरुक किया तथा साइबर अपराध से बचने के उपाय बताए। इस प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी की तरफ से स्टूडेन्ट वेलफेयर की डीन श्री गुरुजीत कौर, रजिस्टार रमेंश कुमार अरोड़ा तथा स्टाफ के साथ बच्चो ने भाग लिया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि डीसीपी ट्रैफिक, एसीपी ट्रैफिक श्री विनोद कुमार, एसएचओ साइबर एनआईटी बसंत व टाआई राजेन्द्र और उनकी टीम ने आज के साथ रेडियो मानव रचना स्टूडियो में मौजूद थे। मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कैम्पस में करीब 400 बच्चो को यातायात नियमों, नशा और साइबर अपराध से बचने के उपाय बताए। उन्होने बताया कि बच्चे कम उम्र में ही वाहन चलाते है जो की गैर कानूनी है। हमें बिना लाईंसेंस के कोई मोटर वाहन नही चलाना चाहिए। रोड पर निकलते समय यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। रोड पर चलते समय हमें अपनी लाईन में चलना चाहिए। दुपहिया वाहन चालाते समय हेलमेट व गाडी चलाते समय सीटबेल्ट का उपयोग करना अनिवार्य है। रोड पर रेड लाईट तथा रोड पर लगे स्पीड सिगनल का ध्यान से पालन करना चाहिए। बच्चो को साइबर फ्रॉड के सम्बंध में जागरुक करते हुए बताया कि आजकल के डिजिटल युग में साइबर ठग धोखाधड़ी करने के नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं और भोले-भाले लोग को लालच देकर ठगने का काम करते है। जिसमें मुख्यतः लोन, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाना, बीमा पॉलिसी अपडेट, केवाईसी, आधार कार्ड अपडेट तथा लॉटरी इत्यादि शामिल है। हमें बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड या एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी कोड, एक्सपायरी डेट, ओटीपी, आधार कार्ड नंबर इत्यादि की जानकारी किसी को भी नही देनी चाहिए। इसीलिए इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि अपने अकाउंट संबंधित कोई भी जानकारी न ही किसी को फोन पर दें और ना ही किसी के फोन करने पर किसी भी वेबसाइट पर डालें। इस प्रोग्राम के सवाल जवाब को रिकोर्ड किया गया है ताकि लोगो जागरुक करने के लिए रेडियो मानव रचना 107.8 चैनल पर चलाया जा सके।
पुलिस टीम ने नशे से बचने के लिए जागरूक करते हुए पुलिस टीम ने बताया कि नशा किसी भी अपराध का प्राथमिक कारण होता है। जो व्यक्ति नशे के चंगुल में फंस जाता है उसे नशा करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। पैसे न होने पर नवयुवक अपराध चोरी चकारी, लूट, डकैती इत्यादि वारदातों को अंजाम देते है। जब व्यक्ति लूट या डकैती की वारदात को अंजाम दे देता है तो वह इस प्रकार की वारदातों में लगातार शामिल रहने लगता है। यह नशे के दुष्परिणाम है जिसके चलते इंसान की जिंदगी तबाह हो जाती है। इसके साथ ही परिवार में भी बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। उनके घर में लड़ाई झगड़ा रहने लगता है और उसके परिजन घरेलू हिंसा के शिकार होते हैं। इसके साथ ही अग्रवाल कॉलेज से नुक्कड़ नाटक की टीम ने आमजन को नाटक के माध्यम से भी जागरूक किया।
पुलिस से संपर्क करने के माध्यमों के बारे में बच्चों को जागरूक करते हुए पुलिस टीम ने बताया कि वह किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना 112 पर दे सकते हैं। इसके अलावा नशामुक्ति हेल्पलाइन 9050891508, महिला हेल्पलाइन 1091, साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतें 1930 और बच्चों से संबंधित किसी भी अपराध के लिए वह 1098 पर संपर्क कर सकते हैं। स्कूल तथा कॉलेज के अध्यापकों तथा छात्राओं द्वारा पुलिस टीम द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के लिए उन्होंने पुलिस टीम का तहे दिल से धन्यवाद किया।