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दि सैंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज़ एम्पोरियम में शिल्पकारों के समागम से अभिभूत हुए दिल्लीवासी

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New Delhi Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : कुछ इसी तरह का नज़ारा देखने को मिला दि सैंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सी.सी.आई.सी.) द्वारा राजधानी दिल्ली के जनपथ पर स्थित जवाहर व्यापार भवन में गत एक हफ़्ते तक आयोजित की गई गाँधी शिल्प बाज़ार प्रदर्शनी में!

इस प्रदर्शनी में देश के विभिन्‍न राज्यों और प्रदेशों से आए क़रीब 46 से ज़्यादा शिल्पकारों द्वारा प्रदर्शित अपनी-अपनी अनूठी कला-कृतियों की छटा देखते ही बन रही थी।

प्रदर्शनी में आए आगंतुकों को जहाँ एक ओर राजस्थानी लघु चित्रकला में मोटी रेखाओं, चमकीले रंगों और विषयों में बारहमासा, रागमाला, रामायण एवं महाभारत, इत्यादि, की अनूठी छटा देखने को मिली; वहीं दूसरी ओर ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल की पारंपरिक धार्मिक चित्रकला – पट्टचित्र कला से भी अभिभूत होने का अवसर भी मिला।

इसी बीच एक स्टॉल पर भगवान श्री कृष्ण की कथाओं पर आधारित श्री नाथद्वारा की अनुपम कला – पिछवाई चित्रकला के साथ-साथ बिंदुओं और रेखाओं से प्रकृति को दर्शाती मध्य प्रदेश की विश्व विख्यात जनजातीय कला – गोंड चित्रकला ने भी आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित किया।

चाहे रामायण, महाभारत और त्योहारों के मनमोहक दृश्यों को दर्शाती बिहार राज्य की लोककला – मधुबनी चित्रकला हो या फिर पत्थरों के महीन चूर्ण से बनी अनूठी और विशिष्ट स्टोन डस्ट चित्रकला या चाहे फिर गुजरात के कच्छ क्षेत्र की दीवारों पर मिट्टी और शीशों से बनाई जाने वाली अद्भुत लिप्पन कला; इन सभी कलाओं ने अपनी छटा से सभी को अचंभित किया।

इसी दौरान प्राकृतिक रंगों के माध्यम से रामायण और महाभारत को चित्रित करने वाली आंध्र प्रदेश की कलमकारी चित्रकला से अभी आगंतुक अभिभूत हुए ही थे कि सोने की पन्‍नियों और अर्ध-मूल्यवान पत्थरों के उपयोग से तैयार की गई तमिलनाडु की अद्वितीय तंजावुर चित्रकला ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यहाँ आने वाले आगंतुकों ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं, शिल्प गुरुओं और राज्य पुरस्कार विजेताओं जैसे कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किए गए विभिन्‍न हस्तनिर्मित पारंपरिक चित्रकलाएँ और फ़र्नीचर, इत्यादि, भी जमकर ख़रीदे!

विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए सी.सी.आई.सी. के प्रबंध निदेशक, श्री मनोज लाल ने देश के विभिन्‍न कलाओं में निपुण हस्तशिल्प कारीगरों द्वारा देश की सांस्कृतिक धरोहरों को अपनी कलाओं के माध्यम से जीवित रखने के प्रयासों की सराहना की। इतना ही नहीं; बल्कि, श्री मनोज लाल ने बताया कि प्रदर्शनी के अलावा भी विभिन्‍न कला-कृतियों के ख़रीददारों के लिए यह मनमोहक कला-कृतियाँ दिल्ली के जनपथ पर स्थित सरकार के एम्पोरियम से ख़रीदने के साथ-साथ दि कॉटेज डॉट इन से भी ऑनलाइन के ज़रिए देश-भर में कहीं भी मँगवा सकते हैं।

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